किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी को ‘किसान संगठनों को पंजाब में चुनाव लड़ना चाहिए’, ये बयान देना भारी पड़ गया है। किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने चढ़ूनी के ख़िलाफ़ कार्रवाई करते हुए उन्हें हफ़्ते भर के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान चढ़ूनी के संयुक्त किसान मोर्चे के मंच पर आने या मोर्चे की ओर से किसी तरह का बयान देने पर पाबंदी रहेगी। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से यह फ़ैसला बुधवार शाम को लिया गया।
इस फ़ैसले के बाद चढ़ूनी के समर्थकों ने ट्विटर और फ़ेसबुक पर उनके समर्थन में मुहिम चलाई और कहा कि वे चढ़ूनी के साथ खड़े हैं।
चढ़ूनी ने हाल ही में कहा था कि किसानों को ‘मिशन पंजाब’ के लिए जुटना चाहिए। लेकिन किसान संगठनों ने उनके इस सुझाव को व्यक्तिगत बताते हुए खारिज़ कर दिया था। बता दें कि किसान संगठन कृषि क़ानूनों के विरोध में पिछले सात महीने से दिल्ली के बॉर्डर्स पर धरना दे रहे हैं।
हरियाणा की किसान राजनीति में बेहद सक्रिय चढ़ूनी ने कुछ दिन पहले एक वीडियो जारी कर कहा था कि आंदोलन में अब तक कई किसान शहीद हो चुके हैं और किसानों ने बहुत दर्द सहा है लेकिन हमारी बात किसी ने नहीं सुनी। उन्होंने कहा था कि किसान अब ‘मिशन उत्तर प्रदेश’ में जुटने जा रहे हैं और इसके तहत 5 सितंबर को एक रैली रखी गई है। चढ़ूनी ने कहा था कि हमें ‘मिशन उत्तर प्रदेश’ के बजाय ‘मिशन पंजाब’ की योजना बनानी चाहिए।
चढ़ूनी ने कहा था कि किसान आंदोलन में सक्रिय संगठन अगर पंजाब के विधानसभा चुनाव में उतर जाएं, वहां सरकार बना लें और हालात बदलकर दिखा दें तो वह मॉडल पूरे देश में जा सकता है।
चढ़ूनी के ख़िलाफ़ की गई कार्रवाई को लेकर किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने कहा है कि इस तरह के बयान किसानों और कार्यकर्ताओं के बीच में भ्रम पैदा करते हैं और उनके ‘मिशन पंजाब’ वाले बयान को लेकर लोग नाराज़ थे।
डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि हम लोगों को सिर्फ़ संघर्ष करने और बीजेपी और उसके सहयोगियों का विरोध करने पर ही अपना ध्यान फ़ोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के सफल होने तक चुनावी राजनीति में जाने की हमारी कोई योजना नहीं है।
चढ़ूनी ने दिया जवाब
संयुक्त किसान मोर्चा की इस कार्रवाई के बाद चढ़ूनी ने एक वीडियो जारी कर अपनी बात रखी है। चढ़ूनी ने कहा कि लोगों की अपनी-अपनी विचारधारा हो सकती है और विचारधारा के आधार पर किसी को निष्कासित करना ग़लत है। इस किसान नेता ने कहा है कि वह अपनी विचारधारा पर टिके रहेंगे। उन्होंने दोहराया कि ‘मिशन पंजाब’ चलाया जाना चाहिए।
चढ़ूनी ने जोर देकर कहा कि आज राज बदलने की नहीं व्यवस्था बदलने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि उनका संगठन किसान आंदोलन में पूरी तरह सक्रिय रहा है और आगे भी इसी तरह सक्रिय रहेगा।
संसद के नज़दीक देंगे धरना
केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसान अब अपने आंदोलन को रफ़्तार देने जा रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि 22 जुलाई से किसान संसद के नज़दीक धरना देना शुरू करेंगे। सरकार के सामने यह बड़ी चुनौती है क्योंकि 19 जुलाई से संसद का सत्र शुरू हो रहा है।
पंजाब में सात महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं और किसान आंदोलन का इस बार वहां के चुनाव में ख़ासा असर हो सकता है। चढ़ूनी के पंजाब चुनाव में उतरने वाले बयान को सोशल मीडिया पर समर्थन मिलता भी दिख रहा है।