खालिस्तान समर्थित ग्रुप सिख फ़ॉर जस्टिस यानी एसएफ़जे से जुड़ी 40 वेबसाइटों को अलगाववादी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया है। एसएफ़जे प्रतिबंधित संगठन है। सरकार की यह कार्रवाई तब हुई है जब कुछ दिन पहले ही खालिस्तानी ग्रुप से जुड़े 9 लोगों को आतंकवादी घोषित किया गया था।
इन वेबसाइटों पर कार्रवाई की जानकारी गृह मंत्रालय ने ट्वीट कर दी। मंत्रालय के आदेश में कहा गया है, 'यूएपीए, 1967 के तहत एक ग़ैरक़ानूनी संगठन सिख फ़ॉर जस्टिस (एसएफजे) ने एक उद्देश्य से समर्थकों को पंजीकृत करने के लिए एक अभियान चलाया। गृह मंत्रालय की सिफ़ारिशों पर MeitY (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) ने आईटी एक्ट की धारा 69A के तहत एसएफ़जे की 40 वेबसाइटों को प्रतिबंधित करने के लिए आदेश जारी किए हैं।'
बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) भारत में साइबर स्पेस की निगरानी के लिए नोडल एजेंसी है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल गृह मंत्रालय ने एसएफ़जे पर उसकी कथित राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। एसएफ़जे ने अपने अलगाववादी एजेंडे के रूप में सिख रेफ़रेंडम 2020 को बढ़ावा दिया। अमेरिका स्थित इस संगठन ने खालिस्तान पर जनमत संग्रह के पंजीकरण के लिए 4 जुलाई को उद्घाटन दिवस के रूप में घोषित किया था।
कुछ दिन पहले ही गृह मंत्रालय ने अलगाववादी खालिस्तानी संगठनों से जुड़े जिन नौ लोगों को आतंकवादी घोषित किया था उनमें से चार पाकिस्तान में हैं, जिन्हें ग़ैरक़ानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत नामित आतंकवादी के रूप में शामिल किया गया था। ये सभी विभिन्न आतंकवादी संगठनों के थे। इनमें शामिल हैं- बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) का प्रमुख वधवा सिंह बब्बर, अंतरराष्ट्रीय सिख यूथ फ़ेडरेशन के प्रमुख लखबीर सिंह; खालिस्तान ज़िंदाबाद फ़ोर्स (KZB) का प्रमुख रणजीत सिंह और खालिस्तान कमांडो फ़ोर्स का नेतृत्व करने वाला परमजीत सिंह। ये चारों पाकिस्तान में सक्रिय हैं।
इन चारों के अलावा इसमें जर्मनी में सक्रिय खालिस्तान ज़िंदाबाद फ़ोर्स का सदस्य भूपिंदर सिंह भिंडा, इसी संगठन का सदस्य गुरमीत सिंह बग्गा, सिख फ़ॉर जस्टिस का संयोजक गुरपतवंत सिंह पन्नू, कनाडा में सक्रिय खालिस्तान टाइगर फ़ोर्स का प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर और ब्रिटेन में सक्रिय बब्बर खालसा इंटरनेशनल का प्रमुख परमजीत सिंह का नाम शामिल है। ये सभी आतंकवादी संगठन भारत के ख़िलाफ़ साज़िश रच रहे हैं।
इन 9 आतंकवादियों पर आरोप हैं कि ये पंजाब में उग्रवाद को फिर से ज़िंदा करके माहौल ख़राब करने की कोशिश कर रहे हैं और इन्हें पृथक खालिस्तान बनाने का आंदोलन चला रहे संगठनों का समर्थन हासिल है। यह दूसरी बार है, जब गृह मंत्रालय ने इस तरह की कार्रवाई की है। सितंबर, 2019 में गृह मंत्रालय ने मौलाना मसूद अज़हर, हाफिज़ सईद, ज़की-उर-रहमान लखवी और दाऊद इब्राहिम पर यूएपीए लगा दिया था।