महंगे पेट्रोल और डीजल के कारण देश भर के लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। लेकिन मोदी सरकार के एक मंत्री का कहना है कि पेट्रोल के महंगे दामों पर सरकार ने टैक्स लगाया है तो लोगों को फ्री वैक्सीन भी मिल रही है।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री रामेश्वर तेली का कहना है कि पेट्रोल की क़ीमत ज़्यादा नहीं है बल्कि इस पर लगने वाले टैक्स की वजह से यह महंगा हो जाता है।
तेली ने असम के तिनसुकिया में कहा, “फ्री वैक्सीन उपलब्ध कराने में जो पैसा लग रहा है, वह टैक्स से ही आता है। आप लोगों ने फ्री वैक्सीन ली होगी, इसके लिए पैसा कहां से आएगा। आपने तो इसके लिए कोई पैसा दिया नहीं है, ये पैसा इसी तरह इकट्ठा किया गया।”
केंद्रीय मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पैकेज्ड पानी तो पेट्रोल से भी महंगा है। उन्होंने कहा कि असम में एक लीटर पेट्रोल 98 रुपये का है लेकिन हिमालय के पानी की एक बोतल 100 रुपये की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें पेट्रोल पर वैट घटा सकती हैं।
‘नसीब वाला प्रधानमंत्री’
पेट्रोल-डीजल की हाहाकारी क़ीमतों से परेशान लोग बीजेपी से गुहार लगा रहे हैं कि वह ‘नसीब वाले प्रधानमंत्री’ से कहकर इनकी क़ीमतें कम करे। लेकिन उनकी कोई नहीं सुन रहा है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ साल पहले एक रैली में पेट्रोल-डीजल सस्ता होने पर कुछ पैसा लोगों की जेब में बचने पर ख़ुद को नसीब वाला प्रधानमंत्री बताया था।
तोड़ दिए रिकॉर्ड
हालात इस कदर ख़राब हैं कि देश के कई बड़े शहरों में पेट्रोल बहुत पहले ही 100 के आंकड़े को पार कर चुका है। यही डाल डीजल का भी है और यह भी पेट्रोल से ज़्यादा पीछे नहीं है। इससे आम लोगों की कमर टूट चुकी है।
कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मोदी सरकार ने पेट्रोल पर 32.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी लगाई है और ऐसा करके उसने पिछले सात साल में 22 लाख करोड़ रुपये कमा लिए हैं।
2014 के लोकसभा चुनाव से पहले पेट्रोल-डीजल की क़ीमतों को लेकर तत्कालीन यूपीए सरकार पर बरसने वाली बीजेपी मोदी सरकार के राज में ईंधन की आसमान छूती क़ीमतों पर मौन है। इसी तरह एलपीजी सिलेंडर भी लगातार महंगा होता जा रहा है।
कोई सुनने वाला नहीं
जिस तरह ईंधन के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है, उससे नहीं लगता कि जनता को कोई राहत आने वाले दिनों में मिलने वाली है। महंगाई की मार से कराह रही जनता को लगातार महंगा ईंधन ख़रीदना पड़ रहा है लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है।