दिल्ली: बुराड़ी जाने से किसानों का इनकार, सिंघु बॉर्डर पर डाला डेरा

06:07 pm Nov 27, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ हुंकार भर रहे हरियाणा और पंजाब के किसान दिल्ली कूच पर अड़े हुए हैं। गुरूवार को पुलिस की तमाम बर्बरताओं को झेलने के बाद भी किसान डिगे नहीं हैं और लगातार आगे बढ़ रहे हैं। पानीपत सहित हरियाणा के कई जिलों से भी बड़ी संख्या में किसानों ने दिल्ली की ओर कूच कर दिया है। मरकज़ी सरकार का कहना है कि किसानों को 3 दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया गया है। 

गुरूवार को अंबाला-पटियाला बॉर्डर सहित पंजाब-हरियाणा के कई बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने किसानों पर पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले भी दागे। लेकिन किसानों ने पुलिस की इस बर्बरता का शांतिपूर्वक जवाब दिया और लगातार आगे बढ़ते रहे। इसके बाद हजारों किसान हरियाणा में प्रवेश कर गए और दिल्ली बॉर्डर के क़रीब पहुंच चुके हैं। 

हरियाणा सरकार की कोशिश है कि किसान किसी भी क़ीमत पर दिल्ली न पहुंच पाएं। इसलिए हरियाणा-पंजाब बॉर्डर्स से जो किसान आगे बढ़ चुके हैं, उन्हें अब दिल्ली-हरियाणा के बॉर्डर पर रोके जाने की जोरदार तैयारी है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, बदरपुर, सिंघू बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया गया है। 

सुनिए, किसान आंदोलन पर चर्चा-  

यूपी में सड़कों पर उतरेंगे किसान

हरियाणा के किसानों का भी जोरदार समर्थन पंजाब के किसानों को मिल रहा है और कई जिलों में किसानों ने पुलिस के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया। हालांकि पुलिस ने कई जिलों में आगे बढ़ रहे किसानों को रोकने की कोशिश की। यूपी के मेरठ, मुज़फ्फरनगर, बाग़पत, हापुड़ में भी आज किसान सड़क पर उतरेंगे। 

ऑल इंडिया किसान संघर्ष को-ऑर्डिनेशन कमेटी, राष्ट्रीय किसान महासंघ, भारतीय किसान यूनियन सहित कई संगठनों ने इस 'दिल्ली चलो' मार्च का आह्वान किया है। 

पंजाब में बदतर हालात 

किसानों के आंदोलन के कारण पंजाब में लगभग दो महीने तक रेलगाड़ी व मालगाड़ियां नहीं जा सकीं। इस वजह से रेलवे को तो राजस्व का नुक़सान हुआ ही, पंजाब के लोगों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। राज्य सरकार के ट्रेनों को पूरी तरह सुरक्षा का भरोसा देने के बाद भी केंद्र सरकार हठ पर बैठी रही। कोयला न पहुंचने के कारण राज्य में घंटों तक पावर कट लगे और अनाज, सब्जियां व अन्य ज़रूरी चीजें नहीं पहुंच सकीं।