किसानों के बेकाबू होने और सैकड़ों लोगों के लाल किला परिसर में दाखिल होने के बाद कृषि क़ानूनों के खिलाफ़ किसान आन्दोलन चलाने वाली शीर्ष संस्था संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदर्शनकारियों से पल्ला झाड़ लिया है। उन्होंने इसकी ठीकरा समाज-विरोधी तत्वों पर फोड़ा है। उन्होंने इसपर दुख जताया है और इसकी निंदा भी की है।
समाज-विरोधी तत्वों की करतूत
संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को एक बयान जारी कर प्रदर्शनकारियों से दूरी बना ली और कहा कि उपद्रव समाज-विरोधी तत्वों ने की जो किसानों के बीच घुस आए थे।
बयान में कहा गया है, "हम उन सभी लोगों से अपने आप को अलग करते हैं, जिन्होंने अनुशासन तोड़ा है।"
बयान में कहा गया, "हम सभी से अपील करते हैं कि वे परेड की तयशुदा रूट और नियमों का पालन करें और ऐसा कोई काम न करें जिससे राष्ट्रीय प्रतीक या राष्ट्र की मर्यादा पर आँच आए। हम सभी से इस तरह की कार्रवाइयों से दूर रहने की अपील करते हैं।"
हिंसा की ज़ोरदार निंदा करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा,
“
"आज जो अवांछनीय और अस्वीकार्य वारदात हुई, हम उसपर दुख प्रकट करते हैं और उसकी निंदा करते हैं। हमारी तमाम कोशिशों के बावजूद कुछ संगठनों और कुछ लोगों ने रूट का उल्लंघन किया। शांतपूर्ण आन्दोलन में समाज-विरोधी तत्व घुस गए।"
संयुक्त किसान मोर्चा के बयान का अंश
मोर्चा ने कहा है कि वह जल्द ही मामले की जाँच करेगा और उससे जुड़ी पूरी जानकारी सार्वजनिक करेगा।
स्वराज्य इंडिया के योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
संयुक्त किसान मोर्चा के एक नेता कंवलप्रीत सिंह पन्नू ने एनडीटीवी से कहा है कि जो लोग लाल किला पहुँच कर किले के प्राचीर पर चढ़ गए हैं, वे उनके लोग नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले ही ट्रैक्टर परेड का रूट तय हुआ था और सबको उसके अनुरूप चलना था। लेकिन किसानों के एक दूसरे संगठन ने कहा था कि वे उस रूट को नहीं मानते।
कंवलप्रीत सिंह पन्नू ने कहा है कि जो लोग लाल किले पर चढ़े हुए हैं, वे उनके लोग नहीं हैं। उन्होंने अपील की कि वे किसी तरह की हिंसक कार्रवाई न करें। पन्नू ने ज़ोर देकर कहा कि किसान संयुक्त मोर्चा को हर हाल में हिंसा से दूर रहना है।
गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड में क्या हुआ, बता रहे हैें वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष।