चुनाव आयोग शनिवार दोपहर 3 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा। लोकसभा के साथ ही आयोग ओडिशा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखों की भी घोषणा करेगा। तारीखों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार नवनिर्वाचित चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ चुनाव की तारीखों की घोषणा करेंगे। पूर्व नौकरशाह ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह को एक दिन पहले ही छह उम्मीदवारों की सूची में से चुना गया है। अरुण गोयल द्वारा चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा देने के लगभग एक सप्ताह बाद उन्होंने दिन में कार्यभार संभाला।
17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को समाप्त होने वाला है। आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम विधानसभाओं का कार्यकाल क्रमशः 11 जून, 2 जून, 24 जून और 2 जून को समाप्त होगा। महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में इस साल के अंत में मतदान होना है। राज्य का दर्जा बहाल करने की दिशा में पहले कदम के रूप में 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश देने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी मतदान होना तय है।
पिछली बार चुनाव आयोग ने 10 मार्च, 2019 को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी, जिसमें 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में मतदान और 23 मई को वोटों की गिनती शामिल थी।
चुनाव पैनल ने इस बार मतदान की तारीखों, मतदान चरणों और उन राज्यों में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती जैसी जानकारियों के लिए होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस की जानकारी 24 घंटे पहले दी है।
बता दें कि फरवरी में अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति और पिछले सप्ताह अरुण गोयल के आश्चर्यजनक इस्तीफे के बाद, दो नए चुनाव आयुक्तों को एक दिन पहले ही नियुक्त किया गया है।
ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू के नामांकन को चुनावी और राजनीतिक सुधारों पर काम करने वाले एक गैर-पक्षपातपूर्ण संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने चुनौती दी है।
एडीआर ने ही चुनावी बॉन्ड मामले में शीर्ष अदालत में याचिका भी दायर की थी। एडीआर ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को चयन पैनल से बाहर करने के फैसले को चुनौती देते हुए दो नियुक्तियों पर रोक लगाने की मांग की थी। शीर्ष अदालत ने कुमार और संधू की नियुक्ति पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, और कहा है कि मामले की अगली सुनवाई 21 मार्च को होगी।
ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह की नियुक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय चयन पैनल की बैठक के बाद हुई।
भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन लोकसभा चुनाव में लगातार तीसरी जीत की उम्मीद कर रहा है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन को कड़ी टक्कर देने की उम्मीद है।