कश्मीर के पत्रकार-फ़ोटोग्राफ़र पर कार्रवाई की तीखी आलोचना की एडिटर्स गिल्ड ने

09:38 pm Apr 21, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

भारतीय ए़डिटर्स गिल्ड ने जम्मू-कश्मीर की फ़ोटो जर्नलिस्ट मसरत ज़हरा और पत्रकार पीरज़ादा आशिक़ के ख़िलाफ़ सरकार की कार्रवाई की तीखी आलोचना की है। 

पीरज़ादा आशिक की एक रिपोर्ट पर उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज किया गया है तो मसरत ज़हरा पर अनलॉफ़ुल एक्टिविटीज़ प्रीवेन्शन एक्ट लगा दिया गया है। 

क्या है मामला

एडिटर्स गिल्ड ने कहा है कि सरकार की इन कार्रवाइयों पर वह हैरत में है और इसका विरोध करता है। गिल्ड ने एक बयान में कहा है, 'सिर्फ सोशल मीडिया या मुख्यधारा की मीडिया में कुछ छपने पर इस क़ानून का सहारा लेना सत्ता का खुला दुरुपयोग है।' गिल्ड ने इसके आगे कहा, 

'इसका मक़सद सिर्फ इन पत्रकारों को आतंकित करना ही हो सकता है। गिल्ड को यह भी लगता है कि यह पूरे देश के पत्रकारों को डराने का अप्रत्यक्ष तरीका है।'


एडिटर्स गिल्ड के बयान का अंश

एडिटर्स गिल्ड ने अपने बयान में यह भी कहा है कि इन पत्रकारों को किसी तरह का ऩुकसान नहीं पहुँचना चाहिए। गिल्ड ने कहा कि यदि सरकार को रिपोर्टिंग से कोई शिकायत भी थी तो उसके समाधान के लिए दूसरे तरीके हैं। 

गिल्ड ने कहा कि सच्ची तसवीरों को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से ही खूंखार आतंकवादियों से निपटने वाले क़ानून लागू नहीं किया जा सकता है। इसी तरह 'द हिन्दू' अख़बार में छपी ख़बर के बारे में कुछ कहना था तो अख़बार के संपादक से कहा जा सकता था।