फ़ायदे की दोस्ती! ट्रंप और ह्वाइट हाउस ने ट्विटर पर मोदी को अनफॉलो क्यों किया?

06:22 pm Apr 29, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

कोरोना वायरस के इलाज के लिए जब भारत से मलेरिया वाली दवा क्लोरोक्वीन मिली थी तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा था कि संकट के इस दौर में भारत की इस मदद को नहीं भुलाया जाएगा। लेकिन कोरोना वायरस का संकट अभी ख़त्म भी नहीं हुआ है और लगता है ट्रंप ने उसे भुला भी दिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल 'द ह्वाइट हाउस' और ख़ुद के ट्विटर हैंडल 'द पोटस' ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अनफॉलो कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप दोनों एक-दूसरे को 'घनिष्ठ दोस्त' कहते रहे हैं और ऐसे में यह काफ़ी अप्रत्याशित फ़ैसला लगता है।

यह ऐसे समय में हुआ है जब हाल ही में द ह्वाइट हाउस ने प्रधानमंत्री मोदी, अमेरिका में भारत के दूतावास, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित कई और लोगों को ट्विटर पर फॉलो करना शुरू किया था। तब द ह्वाइट हाउस ऐसे कुल 19 लोगों को फ़ॉलो कर रहा था और अब यह संख्या घटकर 13 हो गई है। तब यह बात भी सामने आई थी कि आख़िरकार अमेरिका भारत को एकाएक इतनी तवज्जो क्यों देने लगा है। 

दरअसल, यह वह समय था जब ट्रंप कोरोना वायरस के इलाज के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन या क्लोरोक्वीन दवा पर काफ़ी ज़्यादा ज़ोर दे रहे थे। वह डॉक्टरों की राय के ख़िलाफ़ इस दवा को कोरोना मरीज़ों पर इस्तेमाल करने के पक्ष में थे। 

यह दवा अमेरिका को सप्लाई नहीं करने पर ट्रंप भारत को चेतावनी दे रहे थे। लेकिन जब भारत ने अमेरिका को दवा की सप्लाई देने को हरी झंडी दे दी तो वही ट्रंप तारीफ़ कर रहे थे। तब उन्होंने कहा था, 'असाधारण समय में दोस्तों के बीच और अधिक सहयोग की ज़रूरत होती है। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के लिए भारतीय प्रधानमंत्री और भारत की जनता को धन्यवाद! इसे नहीं भुलाया जाएगा। थैंक्यू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी!'

यह वही ट्रंप हैं जो भारत को कभी नहीं भूलने की बात कह रहे थे और इससे पहले ही उन्होंने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा था, 'भारत अमेरिका के साथ व्यापारिक रिश्तों का फ़ायदा उठाता आया है। मुझे नहीं लगता है कि मोदी बदले की कार्रवाई के तहत हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर रोक लगाएँगे। लेकिन यदि भारत ने अमेरिका को क्लोरोक्वीन दवा नहीं दी तो हम भी उसके ख़िलाफ़ बदले की कार्रवाई करेंगे।’ इससे एक बात तो तय है कि डोनल्ड ट्रंप ख़ुद के फ़ायदे और 'पहले अमेरिका' की नीति के लिए कुछ भी कर सकते हैं। भारत के साथ भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया। 

ट्रंप की नीति अजीबोगरीब रही है। हर मसले में। इसीलिए अक्सर कहा जाता है कि ट्रंप सिर्फ़ अपने फ़ायदे की सोचते हैं। ट्विटर से प्रधानमंत्री मोदी को अनफॉलो करने को भी उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। आख़िर सवाल उठे भी क्यों नहीं, प्रधानमंत्री को अनफ़ॉलो करने का कारण भी तो कुछ बताया नहीं गया है।