कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

07:18 pm Sep 17, 2019 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

कर्नाटक कांग्रेस के दिग्गज नेता डीके शिवकुमार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। शिवकुमार को कुछ दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने गिरफ़्तार कर लिया था। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।

कांग्रेस नेता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल की हालत बेहद ख़राब है और उन्हें कभी भी दिल का दौरा पड़ सकता है, इसलिए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। 

विशेष जज अजय कुमार ने ईडी को आदेश दिया कि वह डीके शिवकुमार को पहले अस्पताल ले जाये और यह देखे कि क्या डॉक्टर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के बारे में क्या कहते हैं। अदालत में जाँच एजेंसी ने दावा किया कि उसकी जाँच अभी पूरी नहीं हुई है और उसे न्यायिक हिरासत में कांग्रेस नेता से पूछताछ की इजाजत दी जाए। 

सिंघवी ने कहा कि ईडी को शिवकुमार के यहाँ छापों के दौरान सिर्फ़ 41 लाख रुपये मिले थे न कि 8.5 करोड़। सिंघवी ने आश्चर्य जताया कि अब यह राशि बढ़कर 143 करोड़ हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रही है और जाँच के बारे में अदालत के सामने झूठ बोल रही है। 

याद दिला दें कि जब शिवकुमार को गिरफ़्तार किया था तो उन्होंने जाँच एजेंसी से अपने पिता की समाधि पर जाने की छूट माँगी थी लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली थी। बीजेपी को इस बात का डर सता रहा है कि शिवकुमार की गिरफ़्तारी से कर्नाटक में वोक्कालिगा समुदाय उससे नाराज हो सकता है क्योंकि शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं। 

कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार जब तक चली, इसे बचाने में डीके शिवकुमार का अहम योगदान रहा। डीके शिवकुमार के समर्थन में हाल ही में पूरे कर्नाटक में कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया था। गुजरात में जब राज्यसभा का चुनाव हुआ था तो कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल को जिताने में भी शिवकुमार का अहम रोल रहा था। 

शिवकुमार की गिरफ़्तारी पर जब बीजेपी के नेता, कार्यकर्ताओं के ख़ुशियाँ मनाने की ख़बरें आई थीं तो येदियुरप्पा ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह इससे दुखी हैं। क्योंकि येदियुरप्पा और बीजेपी यह क़तई नहीं चाहते कि वोक्कालिगा समुदाय उनसे नाराज हो।

प्रवर्तन निदेशालय ने 2017 के अगस्त महीने में शिवकुमार के ठिकानों पर छापे मारे थे। उस समय यह कहा गया था कि उनके यहाँ से 300 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे, जिसके बारे में वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए थे।