गुजरात : सवर्णों ने दलित सैनिक को घोड़ी चढने से रोका, एफ़आईआर दर्ज

12:41 pm Feb 17, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

दलितों को प्रताड़ित करने और उनके मौलिक हक़ छीनने की वारदातों में एक नई घटना जुड़ गई है। गुजरात के बनासकांठा में एक दलित सैनिक को शादी में घोड़ी चढ़ने से रोक दिया गया, बाद में पुलिस हस्तक्षेप के बाद वह बारात लेकर जा सका। 

पुलिस ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि इस मामले में एफ़आईआर दर्ज कर लिया गया है, स्थिति नियंत्रण में है। 

संदीपद गाँव के आकाश कोटडिया की शादी थी, वह सेना में है और जम्मू-कश्मीर में तैनात है। जब वह बारात लेकर निकला, गाँव के दबंग सवर्णों ने उसे घोड़ी चढ़ने से रोका। इसके बाद बारात पर पथराव किया गया। 

बनासकांठा के दलित समाज के अध्यक्ष दलपतभाई भाटिया ने इंडिया टुडे से कहा, 'कुछ दिन पहले कोटडिया शादी करने के लिए गाँव आया। जब हमने सवर्णों की आपत्तियों की अनदेखी की, कुछ लोगों ने हम पर पथराव किया। इसमें 60 साल का एक बुजुर्ग और गरबा कर रही कुछ औरतें घायल हो गई। इसके साथ ही डीजे सिस्टम भी ख़राब हो गया। हमने पुलिस बुलाई और उन्होंने हमें सुरक्षा दी।'

पीट-पीट कर मार डाला

कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के शिवपुरी में दो दलित बच्चों को खुले में शौच करने की वजह से पीट-पीट कर मार डाला गया है।  यह वारदात भावकेडी गाँव की है। पुलिस ने 12 साल की उम्र के इन दो बच्चों की पहचान रोशनी और अविनाश के रूप में की है। ये बच्चे पंचायत भवन के सामने ही खुले में शौच कर रहे थे। इस पर कुछ लोगों ने उन्हें पकड़ कर बुरी तरह पीटा। बाद में उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस इंस्पेक्टर धाकड़ ने कहा है कि मामले की जाँच शुरू कर दी गई है।

दलित को जिंदा जलाया

इसी तरह हरदोई में 20 साल के युवक को कुछ दंबंगों ने जिंदा जला दिया। बताया जा रहा है कि उसके दूसरी जाति की महिला के साथ संबंध थे। इस घटना का सबसे दुखद पहलू यह है कि बेटे की मौत के सदमे में युवक की मां की भी मौत हो गई है। पुलिस का कहना है कि यह मामला ऑनर किलिंग का लगता है। यह वारदात शनिवार को हरदोई जिले के भदेसा इलाक़े में हुई है। 

कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश के ही जौनपुर में भी दलित समुदाय के लोगों के साथ ऐसी ही बर्बर घटना हुई थी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें दलित समुदाय के तीन लोगों को नंगा कर पीटते हुए देखा गया था। इन पर चोरी की कोशिश करने का आरोप लगाया गया था।

 एक अन्य घटना में मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के तुगलक़पुर गाँव में अगस्त 2018 में एक ऐसा ही मामला सामने आया था। काम करने से इनकार करने पर दो दलितों की कथित तौर पर पिटाई की गई थी। मई 2018 में बदायूँ ज़िले में वाल्मीकि समाज के एक व्यक्ति के साथ मारपीट कर उसकी मूँछ उखाड़ने और जूते में पेशाब पिलाने का मामला आया था।