मुझे भारत पसंद, चीन क्यों जाऊंगाः दलाई लामा

05:30 pm Dec 19, 2022 | सत्य ब्यूरो

अध्यात्मिक गुरु और तिब्बती लोगों के धार्मिक महापुरुष दलाई लामा ने चीन नहीं लौटने के सवालों के बीच कहा कि भारत उनके लिए सब कुछ है। भारत में उनका घर है। 

हिमाचल प्रदेश में  कांगड़ा हवाईअड्डे पर दलाई लामा ने तवांग झड़प पर सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'अब चीजें...सामान्य तौर पर, चीजें सुधर रही हैं, मुझे लगता है कि यूरोप और अफ्रीका में और एशिया में भी। चीन भी अब अधिक लचीला है। लेकिन चीन लौटने का कोई मतलब नहीं है। मुझे भारत पसंद है। कांगड़ा अच्छी जगह है। पंडित नेहरू की पसंद है। यह जगह मेरा स्थायी निवास है। यह बहुत सही है। धन्यवाद। दरअसल, कांगड़ा हवाईअड्डे पर दलाई लामा से चीन को लेकर सवाल किए गए थे।

दलाई लामा को तिब्बत के पिछले तेरह दलाई लामाओं का वर्तमान अवतार (1391 में पहले का जन्म हुआ था) कहा जाता है। दो साल की उम्र में, उनका नाम ल्हामो धोंडुप रखा गया, उन्हें पिछले 13वें दलाई लामा, थुबतेन ग्यात्सो के पुनर्जन्म के रूप में पहचाना गया। दुनियाभर में बिखरे तिब्बतियों के वो धर्मगुरु हैं।

तिब्बती आध्यात्मिक नेता का 2-3 दिनों के लिए दिल्ली में रहने का कार्यक्रम है और फिर वह आध्यात्मिक शिक्षाओं और अन्य कार्यक्रमों के लिए बिहार में बोधगया जाएंगे। दिल्ली में कुछ बैठकों और कार्यक्रमों के अलावा दिल्ली में स्वास्थ्य जांच होगी।दलाई लामा का बयान 9 दिसंबर की उस झड़प की पृष्ठभूमि में आया है, जब चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों और भारतीय सैनिकों के बीच तवांग में झड़प हुई थी। इस आमने-सामने की लड़ाई में दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आईं। 

राज्यसभा में बयान देते हुए, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उस घटना के बारे में सदन को बताया और कहा, "9 दिसंबर, 2022 को, पीएलए सैनिकों ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में LAC को पार करने और यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की। चीनी सेना के प्रयासों का हमारे सैनिकों ने दृढ़ तरीके से मुकाबला किया। इसके बाद हुई झड़प के कारण हाथापाई हुई, जिसमें भारतीय सेना ने बहादुरी से पीएलए को हमारे क्षेत्र में घुसपैठ करने से रोका और उन्हें अपनी चौकियों पर लौटने के लिए मजबूर किया।

उन्होंने कहा कि झगड़े में दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को चोटें आईं, और स्पष्ट किया कि हमारी ओर से कोई घातक या गंभीर घायल नहीं हुआ है।

राजनाथ ने कहा कि इस घटना के बाद, क्षेत्र के स्थानीय कमांडर ने 11 दिसंबर, 2022 को चीनी कमांडर के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए एक फ्लैग मीटिंग की।

रक्षा मंत्री ने कहा, चीनी पक्ष को इस तरह के कार्यों से बचने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया है। इस मुद्दे को राजनयिक चैनलों के माध्यम से चीनी पक्ष के साथ भी उठाया गया है।