मास्क न पहनने के कारण सीआरपीएफ़ के एक कमांडो को एक पुलिस स्टेशन में लोहे की जंजीर से बांध कर रखे जाने का आरोप है। यह घटना 23 अप्रैल को कर्नाटक में हुई है। कमांडो सचिन सावंत इन दिनों छुट्टी पर बेलगावी स्थित अपने घर आया हुआ था और सादे कपड़ों में ही घर से बाहर निकला था।
कमांडो ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसे हथकड़ी लगाकर पीटा और फर्श पर बैठाए रखा। कमांडो सावंत एंटी-माओवादी कोबरा यूनिट में तैनात हैं। फर्श पर बैठे और हथकड़ी व जंजीर से बंधे कमांडो की तसवीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है।
मामला सामने आते ही सीआरपीएफ़ ने कर्नाटक पुलिस प्रमुख प्रवीन सूद को पत्र लिखा है। सीआरपीएफ़ ने पूछा है कि कमांडो को गिरफ़्तार करने से पहले क्या राज्य की पुलिस ने सीआरपीएफ़ के वरिष्ठ अधिकारियों को विश्वास में लिया।
काउंटर एफ़आईआर करने पर विचार
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, सीआरपीएफ़ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिस बल इस मामले में काउंटर एफ़आईआर दर्ज करने पर विचार कर रहा है। सीआरपीएफ़ ने पत्र में कहा है कि लॉकडाउन का पालन करा रहे पुलिसकर्मियों ने कमांडो सावंत के साथ बद्तमीजी की, उनसे पुलिस स्टेशन में नंगे पांव परेड करवाई गई और जंजीर और हथकड़ियों से बांधकर रखा गया।
सिपाहियों के साथ बहस की: पुलिस
सीआरपीएफ़ के पत्र के जवाब में पुलिस ने कोबरा यूनिट को पत्र लिखकर कहा है कि सचिन बिना मास्क के रोड पर जा रहे थे और रोकने पर उन्होंने ड्यूटी पर तैनात सिपाहियों के साथ बहस की और अभद्र भाषा का प्रयोग किया। पुलिस ने कहा, ‘सचिन ने सिपाहियों से कहा कि वह भी सीआरपीएफ़ का पुलिसकर्मी है। पुलिसकर्मी उससे कुछ नहीं पूछ सकते और न ही वह कभी उनके नियमों को मानेगा।’
पुलिस ने पत्र में दावा किया है कि जब सिपाहियों ने सचिन से नियम मानने का अनुरोध किया तो सचिन ने उन पर हमला कर दिया और उनकी सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने की कोशिश की। पुलिस ने लिखा है कि सचिन न्यायिक हिरासत में हैं। सीआरपीएफ़ ने कहा है कि जवान ने पुलिसकर्मियों से कहा था कि उसने मास्क इसलिए नहीं पहना है क्योंकि वह अपने घर के आसपास ही था।