आखिरकार यति नरसिंहानंद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस पर हरिद्वार धर्म संसद में मुसलमानों के जनसंहार की धमकी देने का आरोप है। उसके खिलाफ एफआईआर बहुत पहले से ही दर्ज थी लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप पर हरिद्वार धर्म संसद में नफरती भाषणों के मामले में यह दूसरी गिरफ्तारी है। इस मामले में जब गुरुवार को पुलिस ने जितेन्द्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की पहली गिरफ्तारी की थी तो इस कथित संत ने पुलिस वालों से कहा था- "आप सभी मर जाएंगे।" जबकि इससे पहले इसने पुलिस वालों को अपना आदमी बताया था।
नरसिंहानंद उन 10 से अधिक लोगों में शामिल हैं, जिनके नाम उन भाषणों को लेकर दर्ज एफआईआर में है, जिनमें मुसलमानों के जनसंहार और हथियारों के इस्तेमाल का आह्वान किया गया था। पुलिस ने उसके और त्यागी के अलावा एक अन्य कथित धर्मगुरु साध्वी अन्नपूर्णा पर भी एफआईआर की थी।
मामले में पहली गिरफ्तारी घटना के लगभग एक महीने बाद हुई, जब सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तराखंड सरकार को मामले में की गई कार्रवाई पर 10 दिनों के भीतर एक हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
17 से 20 दिसंबर तक आयोजित हरिद्वार कार्यक्रम की क्लिप्स को सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया और पूर्व सैन्य प्रमुखों, कार्यकर्ताओं और यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय टेनिस दिग्गज मार्टिना नवरातिलोवा ने भी तीखी आलोचना की।
जिन लोगों ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, उनका कहना है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी सहित कई बीजेपी नेताओं के साथ अक्सर फोटो खिंचवाने वाले प्रबोधानंद गिरि ने कहा, "मैंने जो कहा है, उससे मुझे कोई शर्म नहीं है। मैं पुलिस से नहीं डरता। मैं अपने बयान पर कायम हूं।"