कोरोना के XE वैरिएंट के मुंबई पहुँचने की ख़बर ने फिर से लोगों में खौफ पैदा कर दिया, लेकिन कुछ ही देर में इसकी विरोधाभासी रिपोर्ट आने से संशय की स्थिति बन गई। मुंबई के स्थानीय निकाय ने दावा किया कि कोरोना के XE वैरिएंट का एक मामला मुंबई में पाया गया है, लेकिन तुरंत ही दिल्ली से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से ख़बर आई कि मौजूदा कोई सबूत नहीं है जिससे कहा जाए कि यह कोरोना का XE वैरिएंट का मामला है।
मुंबई और दिल्ली से विरोधाभासी रिपोर्टों के बाद अब इस पर संशय बन गया है कि क्या सच में भारत में तेजी से फैलने वाला यह कोरोना का XE वैरिएंट है?
इस मामले में सबसे पहले बृहन्मुंबई नगर निगम यानी बीएमसी का दावा आया। उसके अनुसार, मरीज पेशे से एक कॉस्ट्यूम डिजाइनर है जो 10 फरवरी, 2022 को दक्षिण अफ्रीका से आई थी। भारत आने पर उनकी कोविड -19 की रिपोर्ट नकारात्मक आई, लेकिन 2 मार्च, 2022 को नियमित परीक्षण के दौरान वह पॉजिटिव पाई गईं। इसके बाद उन्हें मुंबई के उपनगरीय बांद्रा में ताज लैंड्स एंड में क्वारेंटीन किया गया। हालाँकि, अगले दिन उनके नमूने नकारात्मक आए।
बृहन्मुंबई नगर निगम ने आज मीडिया को बताया कि शहर में XE वैरिएंट और कप्पा वैरिएंट के एक मामले का पता चला है। बीएमसी ने कहा कि मुंबई से मरीजों के जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 230 नमूनों की रिपोर्ट आई है। इनमें से 228 सैंपल ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित पाए गए। बीएमसी के अनुसार एक में XE वैरिएंट जबकि दूसरे में कप्पा वैरिएंट की पुष्टि हुई।
बीएमसी की इस रिपोर्ट को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने खारिज कर दिया। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने कहा, 'नमूने के संबंध में फास्टक्यू फाइलों, जिसे XE वैरिएंट कहा जा रहा है, का इंसकॉग के जीनोमिक विशेषज्ञों द्वारा विस्तार से विश्लेषण किया गया है। उनका मानना है कि इस वैरिएंट का जीनोमिक ढाँचा XE वैरिएंट की जीनोमिक तसवीर से मेल नहीं खाता है।'
नया वैरिएंट XE ओमिक्रॉन के दो सब वैरिएंट- बीए.1 और बीए.2 का एक मिश्रित रूप है। इस समय दुनिया भर में केवल कुछ ही मामले इस वैरिएंट के आए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, नया XE वैरिएंट ओमिक्रॉन के बीई.2 सब-वैरिएंट की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक तेज़ी से फैलने वाला प्रतीत होता है। अब तक ओमिक्रॉन के बीए.2 सब-वैरिएंट को कोरोना का सबसे संक्रामक रूप माना जाता रहा है।
नए साल की शुरुआत में ब्रिटेन में नए वैरिएंट का पता चला था। ब्रिटेन की स्वास्थ्य एजेंसी ने 3 अप्रैल को कहा था कि XE का पहली बार 19 जनवरी को पता चला था और देश में अब तक नए वैरिएंट के 637 मामले सामने आए हैं।