केंद्र सरकार ने गुरुवार की शाम राज्यों के साथ कोरोना समीक्षा बैठक के बाद यह आशंका जताई है कि जिन राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, वहाँ कोरोना संक्रमण बढ़ सकता है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे कोरोना टीकाकरण की रफ़्तार तेज़ करें।
बता दें कि पाँच राज्यों में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ये है- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर।
क्रिसमस पार्टी?
इसके साथ ही केंद्र ने राज्य सरकारों से त्योहारों से पहले स्थानीय प्रतिबंध लगाने पर विचार करने को कहा है।
बता दें 25 दिसंबर को पूरे देश में जगह जगह क्रिसमस का त्योहार पूरे उल्लास से मनाया जाता है। इसके अलावा साल के अंत और नए साल की शुरुआत में भी लोग उत्सव मनाते हैं। इन त्योहारों पर भारी भीड़ उमड़ती है और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन बेहद मुश्किल है। समझा जाता है कि केंद्र ने इसके मद्देनज़र ही राज्यों से कहा है कि वे कोरोना संक्रमण से बचने के लिए त्योहारों के पहले ही प्रतिबंध लगाने पर विचार करें।
निगरानी की सलाह
केंद्र ने राज्यों को सतर्क रहने और मामले की पॉज़िटिविटी रेट,डबलिंग रेट और ज़िलों में नए मामलों के समूहों की निगरानी करने की सलाह दी है।
पॉज़िटिविटी रेट का मतलब है जितने लोगों की कोरोना जाँच हुई, उसमें से कितने लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया। इसी तरह जितने समय में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या दूनी हो जाती है, उसे डबलिंग रेट कहते हैं। इससे संक्रमण की रफ़्तार का पता चलता है।
महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के नए मामले
केंद्र ने जिस दिन ये निर्देश राज्यों को दिए, उसी दिन महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामलों में बड़ी बढ़ोतरी हुई है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, गुरुवार को 23 नए मामलों की पुष्टि हुई। पिंपरी-चिंचवाड़ में 11, मुंबई में पाँच, पुणे में तीन, उस्मानाबाद में दो और ठाणे, नागपुर और मीरा भयंदर में एक एक मामले आए हैं।
महाराष्ट्र में कुल मिला कर ओमिक्रॉन के अब तक 88 मामलों की पुष्टि हुई है।
टास्क फ़ोर्स की बैठक शुक्रवार को
ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोविड 19 टास्क फोर्स की बैठक बुलाई है।
उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा है कि ओमिक्रॉन सामने आने के बाद से नाइट कर्फ्यू लगाने पर सबसे ऊंचे स्तर पर चर्चा हो रही है. उन्होंने कहा, "हमें चीजों को गंभीरता से लेने की ज़रूरत है। हम दुबारा लॉकडाउन नहीं चाहते हैं।"