कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी के नाम की पैरवी की है। उन्होंने कहा है कि यदि इंडिया गठबंधन इस आम चुनाव में भाजपा को हरा देता है तो राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री के रूप में उनकी पसंद होंगे।
खड़गे ने एनडीटीवी से कहा, 'राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनने के लिए मेरी पसंद हैं। वे मेरी पसंद हैं और वे युवाओं तथा देश के कोने-कोने का प्रतिनिधित्व करते हैं।' उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने चुनाव से पहले दो 'भारत जोड़ो यात्रा' का नेतृत्व किया और इस दौरान बड़े पैमाने पर प्रचार किया, अक्सर सहयोगियों के साथ मंच साझा किया और प्रधानमंत्री मोदी पर सीधे हमले किए और इस वजह से शीर्ष पद के लिए एक लोकप्रिय विकल्प होंगे।
खड़गे पहले इंडिया गठबंधन द्वारा प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम न बताए जाने के बारे में पूछे गए सवालों को टालते रहे थे। राहुल गांधी को कई लोग शीर्ष पद के लिए वास्तविक रूप में सर्वसम्मति वाले उम्मीदवार के रूप में देखते हैं। हालांकि, उनका आधिकारिक रुख यह रहा है कि वे ऐसे सवालों को टालते रहे हैं। पिछले महीने उन्होंने जोर देकर कहा था, 'गठबंधन ने फैसला किया है कि हम साथ मिलकर लड़ेंगे। जीतने के बाद गठबंधन मिलकर तय करेगा कि प्रधानमंत्री कौन होगा।'
पिछले सप्ताह ही खड़गे ने प्रधानमंत्री के सवाल पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था। शिमला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा था, "यह 'कौन बनेगा करोड़पति' पूछने जैसा है"। इसके बाद खड़गे ने वही कहा जो वे तब तक दोहराते रहे थे - कि नए प्रधानमंत्री का चयन तभी हो सकता है जब इंडिया गठबंधन जीत जाए और उम्मीदवार सर्वसम्मति से चुना जाए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हाल ही में संवाददाताओं से कहा था कि गठबंधन के नेता चुनाव के बाद नेता के बारे में फैसला करेंगे।
पिछले साल नवंबर में खड़गे ने कहा था कि वे उम्मीदवार का नाम नहीं बताना चाहेंगे क्योंकि इससे इंडया गठबंधन की एकता टूट सकती है।
बता दें कि पिछले साल जून में गठित यह इंडिया गठबंधन मुश्किल के दौर से गुजरकर यहाँ तक पहुँचा है। गठबंधन के संस्थापक सदस्य रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी भूमिका को लेकर कथित अपमान के बाद जेडीयू को एनडीए में शामिल कर दिया।
कुछ हलकों में नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए प्रबल उम्मीदवार के रूप में देखा गया था। पिछले साल पटना के कुछ हिस्सों में पोस्टर भी लगे थे। हालाँकि सार्वजनिक रूप से उन्होंने किसी भी संभावित उम्मीदवारी को खारिज कर दिया था। वह भी कांग्रेस की तरह इस बात पर जोर देते रहे थे कि भाजपा को हराने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
इस बीच मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम पीएम पद के लिए चला था। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने दिसंबर में इस मुद्दे को उठाया था। इंडिया गठबंधन के 12 सदस्यों ने इसका स्वागत किया था। हालाँकि खड़गे ने इसको खारिज कर दिया था।
प्रियंका को लेकर खड़गे क्या बोले
खड़गे ने यह भी कहा कि उन्होंने प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनाव मैदान में उतरने के लिए जोर दिया था। रायबरेली के पारिवारिक गढ़ से चुनाव लड़ने की चर्चा थी। इस सीट को सोनिया गांधी ने लगातार पांच जीत के बाद खाली किया था। हालाँकि, प्रियंका गांधी वाड्रा ने इससे इनकार कर दिया और उनके भाई ने उनकी जगह चुनाव लड़ा। खड़गे ने कहा, 'मैं चाहता था कि प्रियंका चुनाव लड़ें, लेकिन राहुल को अपने अभियान प्रबंधक के रूप में किसी की ज़रूरत थी, क्योंकि वे देश भर में भी प्रचार कर रहे थे।'