एनवी रमना भारत के अगले सीजेआई होंगे। वर्तमान सीजेआई एसए बोबडे ने उनके नाम की सिफारिश की है। बोबडे 23 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। केंद्र सरकार ने पिछले हफ़्ते ही बोबडे से पूछा था कि वे अगले सीजेआई का नाम सुझाएं।
क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बोबडे को इस बारे में खत भेजा था। जस्टिस रमना सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बोबडे के बाद दूसरे वरिष्ठ जज हैं। जस्टिस रमना का कार्यकाल 26 अगस्त, 2022 तक रहेगा।
जस्टिस रमना का जन्म 27 अगस्त, 1957 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पोन्नावरम गांव में हुआ था। जस्टिस रमना ने 10 फरवरी, 1983 को एडवोकेट के रूप में वकालत शुरू की थी और उसके बाद वह आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट, केंद्रीय और आंध्र प्रदेश प्रशासनिक न्यायाधिकरण, सुप्रीम कोर्ट में सिविल, आपराधिक, संवैधानिक, श्रम, सेवा और चुनाव मामलों के मुक़दमे लड़ते रहे हैं। उन्हें संवैधानिक, आपराधिक, सेवा मामलों में विशेषज्ञता हासिल है।
जस्टिस रमना आंध्र प्रदेश में कार्यवाहक और एडिशनल एडवोकेट जनरल के रूप में भी काम कर चुके हैं। उन्हें 27 जून, 2000 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में स्थायी जज नियुक्त किया गया था। 2013 में वह दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस बने और इस 17 फरवरी 2017 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया।
जस्टिस रमना ने हाल ही में कहा है कि भारत में अभी भी न्याय पाना कठिन है। उन्होंने कहा कि आज़ादी के इतने साल बाद भी हम ग़रीबी और न्याय तक पहुंच न होने की कठिनाई से जूझ रहे हैं। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अभी भी लाखों लोग ऐसे हैं जिन्हें उनके मूलभूत अधिकार नहीं मिल सके हैं और हमें समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को नहीं भूलना चाहिए।