एबीवीपी की शिकायत पर ईसाई नन को ट्रेन से उतारा गया

02:46 pm Mar 25, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

बीजेपी और आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी के सदस्यों ने चलती ट्रेन से चार ईसाई महिलाओं को ज़बरन उतरवा दिया। उन पर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया गया। केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने इस पर गहरी आपत्ति जताते हुए गृह मंत्री अमित शाह को कड़ी चिट्ठी लिखी है। केरल में चुनाव प्रचार कर रहे गृह मंत्री ने कहा है कि दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

यह वारदात 19 मार्च की है जब एबीवीपी के लोगों ने रेलवे पुलिस से शिकायत की कि हरिद्वार से पुरी जा रही उत्कल एक्सप्रेस में कुछ ईसाई महिलाएं ट्रेन में धर्म परिवर्तन करवा रही हैं।

क्या है मामला?

उनकी इस शिकायत पर चार ईसाई महिलाओं को ट्रेन से उतार लिया गया। इनमें से दो नन थीं और उस लिबास में थी, जबकि दो युवतियाँ सादे लिबास में थीं और नन का प्रशिक्षण ले रही थीं। 

बाद में जब यह साबित हो गया कि वे धर्म परिवर्तन नहीं करा रही थीं तो उन्हें आगे की यात्रा करने की अनुमित दी गई। 

रेलवे पुलिस के डिप्टी पुलिस सुपरिटेंडेंट नईम खान मंसूरी ने इस घटना की पुष्टि करते हुए एनडीटीवी से कहा, "अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कुछ सदस्य ऋषिकेश से ट्रेनिंग कैम्प से वापस आ रहे थे। उसी ट्रेन में हज़रत निज़ामुद्दीन से राउरकेला के लिए चार क्रिश्चिन लेडीज यात्रा कर रही थीं, जिनमें दो नन्स थीं और दो लेडीज अंडर ट्रेनिंग थीं, जो दिल्ली में ट्रेनिंग कर रही थीं।" उन्होंने इसके आगे कहा,

"विद्यार्थी परिषद के सदस्यों को ऐसा शक हुआ कि शायद ये दो नन्स जो हैं वे दो अन्य लेडीज को धर्म परिवर्तन के लिए ले जा रही हैं क्योंकि वे आपस में बात कर रही थीं।"


नईम खान मंसूरी, डिप्टी पुलिस सुपरिटेंडेंट, रेलवे पुलिस

तीखी प्रतिक्रिया

उन्होंने इसके आगे से कहा, "इस शक पर एबीवीपी के लोगों ने आरपीएफ कंट्रोल रूम को सूचना दी। आरपीएफ़ ने जीआरपी से कहा। एबीवीपी के अजय शंकर तिवारी ने इसकी लिखित तहरीर दी। हम लोग मौके पर पहुँचे तो पता चला कि नन्स के साथ सादे लिबास वाली लड़कियाँ भी जन्म से ईसाई हैं और वे नन बनने की ट्रेनिंग ले रही थीं। बाद में उन्हें जाने दिया गया।" 

इस वारदात पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने गृह मंत्री को एक कड़ी चिट्ठी लिखी है। उन्होंने उस चिट्ठी में लिखा है,

"ऐसी घटनाएँ देश और उसकी धार्मिक सहिष्णुता की छवि दाग़दार करती हैं। केंद्र सरकार को ऐसी घटनाओं की कड़ी निंदा करनी चाहिए।


पिनराई विजयन, मुख्यमंत्री, केरल

उन्होंने इस मामले में तुरन्त हस्तक्षेप करने की माँग करते हुए गृह मंत्री से कहा, "इसमें शामिल उन सभी लोगों और संगठनों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करें जो संविधान से मिली नागरिक स्वतंत्रता को छीनने की कोशिश कर रहे हैं।"

केरल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और उसका प्रचार काम ज़ोरों से चल रहा है। अमित शाह केरल ही में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। समझा जाता है कि इस वारदात से होने वाले राजनीतिक नुक़सान से बचने के लिए उन्होंने चुनाव जनसभा के मंच से ऐलान किया कि दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

लेकिन सवाल तो यह उठता है कि क्या आरपीएफ या जीआरपी अब सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं के नियंत्रण में है, क्या वह उनके आदेश पर काम करती है। सवाल यह है कि एबीवीपी के कहने पर उन ईसाई महिलाओं को ट्रेन से उतारा ही क्यों गया। सवाल यह भी है कि चलती ट्रेन में भला कोई किसी का धर्म परिवर्तन कैसे करा सकता है।