कश्मीर के मुद्दे पर यूएन में फिर हुई पाक की किरकिरी, चीन की चाल नाकाम

09:21 am Jan 16, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है। चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की लेकिन अधिकतर सदस्यों ने इसका विरोध किया, जिससे उसकी यह चाल नाकाम हो गई। एनडीटीवी के मुताबिक़, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्य देशों ने कहा कि इस मुद्दे पर बहस के लिए यह सही जगह नहीं है। भारत ने इस क़दम की निंदा की है और पाकिस्तान से कहा है कि वह भारत से बातचीत के लिए आतंकवादियों को शरण देने और ऐसे ही दूसरे मसलों पर अपना ध्यान केंद्रित करे। 

चीन ने यूएनएससी में एओबी (एनी अदर बिजनेस) के तहत कश्मीर के मसले पर क्लोज डोर बातचीत का प्रस्ताव रखा था। चीन ने यह प्रस्ताव पाकिस्तान के अनुरोध पर रखा था। इंडिया टुडे के मुताबिक़, बैठक में चीन के प्रस्ताव को किसी ने स्वीकार नहीं किया। यूएनएससी के सदस्य अन्य 14 देशों ने कहा कि इस समय पर इस मुद्दे पर बात करने की कोई ज़रूरत नहीं है। फ्रांस और ब्रिटेन ने कहा कि यह पूरी तरह भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है। 

यूएनएससी की बैठक के बाद चीन के राजदूत झांग जुन ने कहा कि उनकी जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर बैठक हुई है और पाकिस्तान के विदेश मंत्री यूएनएससी को ख़त लिखकर जम्मू-कश्मीर की स्थिति के बारे में ध्यान देने के लिए कहेंगे। यूरोप के एक राजनयिक ने कहा कि इस मुद्दे का द्विपक्षीय समाधान किया जाना चाहिए और यह एक घरेलू मसला है। 

एनडीटीवी को फ्रांस के राजनयिकों से मिली जानकारी के मुताबिक़, फ्रांस ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति नहीं बदली है और वह इस पर कायम है कि कश्मीर के मुद्दे का द्विपक्षीय समाधान निकाला जाना चाहिए। अधिकतर देशों ने भारत की स्थिति का समर्थन किया है और कहा है कि कश्मीर भारत का आतंरिक मुद्दा है और साथ ही यह द्विपक्षीय मसला भी है। 

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद यह तीसरा मौक़ा है जब चीन ने यूएनएससी में कश्मीर का मुद्दा उठाया है। लेकिन हर बार उसकी कोशिश नाकाम रही है।

इससे पहले बुधवार को पाकिस्तान के पक्ष में हमेशा खड़े रहने वाले चीन ने ही कश्मीर के मुद्दे को यूएनएससी में उठाने के लिए ज़मीन तैयार की थी। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘हमने देखा कि संयुक्त राष्ट्र के एक सदस्य ने एक बार फिर इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की। लेकिन किसी ने भी इस पर बात नहीं की। हम इस बात से ख़ुश हैं कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रतिनिधियों की ओर से लगाए गए बेबुनियाद आरोपों की सच्चाई सामने आ गई है।’ 

सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट कर कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र में आज भी भारत का झंडा ऊंचा लहरा रहा है और जिन लोगों ने झूठ का झंडा लहराने की कोशिश की थी, उन्हें हमारे कई दोस्तों की ओर से क़रारा जवाब मिला है।’ 

भारत पुरजोर ढंग से कहता रहा है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने का उसका फ़ैसला सही है और यह उसका आतंरिक मामला है। भारत कह चुका है कि पाकिस्तान उसके आतंरिक मामलों में दखल न दे और वह दुनिया को इस मुद्दे पर गुमराह न करे।