दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को 13 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया है। विेशेष जज अजय कुमार कुहार ने एनफ़ोर्समेंट डाइरेक्टरेट की इस अपील को ठुकरा दी कि और पूछताछ के लिए एक दिन के लिए चिदंबरम को उसकी हिरासत में रहने दिया जाए।
अदालत ने चिदंबरम को घर का खाना खाने की अनुमति दे दी। इसके साथ ही उन्हें अलग कमरा और सुरक्षा देने को कहा है। कांग्रेस के इस नेता को पहले ही दवा और पश्चिमी टॉयलेट दी गई है।
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को पेट की बीमारी है और इस आधार पर उन्होंने दो दिनों की अंतरिम ज़मानत माँगी है। वह फ़िलहाल आईएनएक्स मीडिया केस में तिहाड़ जेल में हैं। वह एनफ़ोर्समेंट डाइरेक्टरेट यानी ईडी की जाँच का सामना कर रहे हैं।
दूसरी ओर, चिदंबरम ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका देकर कहा है कि पेट की बीमारी का इलाज हैदराबाद के एशियन इंस्टीच्यूट ऑफ़ गैस्ट्रोइन्ट्रोलॉजी में कराना है, लिहाज़ा. उन्हें अंतरिम ज़मानत दी जाए।
उनके वकील कपिल सिब्बल ने अदालत से कहा कि चिदंबरम सख्त बीमार हैं, उनका वजन 5 किलो कम हो गया है, लिहाज़ा उन्हें तुरन्त अंतरिम ज़मानत दी जाए। इसके पहले ही 24 अक्टूबर को चिदंबरम ने अदालत से कहा था कि उन्हें पेट में दर्द है और उन्हें ज़मानत दी जाए। अदालत ने ज़मानत तो नहीं दी थी, पर उन्हें इलाज के लिए ऑल इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ़ मेडिकल साइसेंज यानी एम्स भेज दिया था।
क्या हुआ है चिदंबरम को?
चिदंबरम को क्रोन्स डिजीज़ हो गई है। इस रोग में मुँह से लेकर पूरे पाचन तंत्र में कहीं भी सूजन आ सकती है। इसका लक्षण यह है कि इसमें पेट में दर्द होता है, डायरिया होता है, बुखार आता है और वजन कम हो जाता है। इसकी जाँच पेट की सूजन और बायोप्सी के आधार पर की जाती है।
सोमवार को चिदंबरम को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया। वहाँ से उन्हें एम्स भेजा गया, वह वहाँ दिन भर रहे, रात को उन्हें छोड़ा गया।
चिदंबरम 6 सितंबर से ही तिहाड़ जेल में हैं।
एक मामले में ज़मानत
इसके पहले आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से जमानत दे दी गई। लेकिन वह अभी भी जेल में ही हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने ईडी को चिदंबरम से पूछताछ की अनुमति दी थी। कुछ ही दिन पहले इस मामले में चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति और इंद्राणी मुखर्जी सहित 14 लोगों के ख़िलाफ़ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी।
पूर्व वित्त मंत्री को आईएनएक्स मीडिया केस में सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ़्तार किया था और उसके बाद से ही वह न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में हैं। कुछ ही दिन पहले ईडी ने आईएनक्स मामले में मनी लांड्रिंग के आरोप में उन्हें गिरफ़्तार किया था।
आरोप है कि 2007 में जब चिदंबरम वित्त मंत्री थे, उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश की मंज़ूरी दिलायी गयी थी। यह भी आरोप है कि कार्ति चिदंबरम ने अपने पिता पी. चिदंबरम के ज़रिए आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड से यह मंज़ूरी दिलाई थी। हालाँकि चिदंबरम सीबीआई के इन आरोपों को ख़ारिज़ करते रहे हैं और कहते रहे हैं कि इन कंपनियों के विदेशी निवेश के प्रस्तावों को मंज़ूरी देने में कोई भी गड़बड़ी नहीं की गयी है।