मुझे फँसाया गया, सारे आरोप बेबुनियाद: चिदंबरम

09:48 pm Aug 21, 2019 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने आईएनएक्स मामले में अपने ऊपर लगाए गए तमाम आरोपों को सिरे से नकार दिया। कांग्रेस मुख्यालय में उन्होंने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर पूरे मामले में सफ़ाई दी। यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे चिदंबरम ने कहा कि मैं या मेरे परिवार का कोई आदमी आईएनएक्स मामले में अभियुक्त नहीं है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें फँसाया गया है। आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई-ईडी कल से ही चिदंबरम को तलाश कर रही थी। इस मामले में पिछले दो दिनों से हंगामा चल रहा है।

उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट से आईएनएक्स मीडिया केस में राहत नहीं मिली थी और उसके बाद से ही चिदंबरम का कुछ पता नहीं था। बाद में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से फ़िलहाल राहत नहीं मिली। इसी के बाद ही वह मीडिया के सामने आए और उन्होंने कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कॉन्फ़्रेंस की।

चिदंबरम ने कहा कि उन्हें मामले में फँसाया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि न तो सीबीआई और न ही प्रवर्तन निदेशालय यानी एनफ़ोर्समेंट डाइरेक्टरेट ने मेरे ख़िलाफ़ कोई चार्जशीट दाखिल की है। उन्होंने साफ़-साफ़ कहा कि आईएनएक्स मामले मे न तो मेरे ख़िलाफ़ कोई मामला बनता है न ही मेरे परिवार के किसी आदमी के ख़िलाफ़। उन्होंने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि एफ़आईआर में न तो मेरा नाम है न ही मेरे बेटे का, हम लोगों के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार चलाया जा रहा है। 

बता दें कि उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट से आईएनएक्स मीडिया केस में राहत नहीं मिली थी और उसके बाद से ही चिदंबरम का कुछ पता नहीं था। आईएनएक्स मीडिया मामले में मंगलवार शाम को सीबीआई की एक टीम उनके घर पर पहुँची थी लेकिन कांग्रेस नेता वहाँ नहीं मिले थे। इससे पहले मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने इसी मामले में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से भी फ़िलहाल राहत नहीं मिली और सुनवाई शुक्रवार के लिए टल गई।

चिदंबरम पर क्या है आरोप

आरोप है कि 2007 में कार्ति चिदंबरम ने अपने पिता पी. चिदंबरम के ज़रिए आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड से विदेशी निवेश की मंज़ूरी दिलाई थी जबकि विदेशी निवेश के लिए कैबिनेट की आर्थिक मामलों की सलाहकार समिति की इजाज़त लेना ज़रूरी है। आरोप है कि इस मामले में सभी नियमों को ताक पर रखा गया था। हालाँकि चिदंबरम सीबीआई के इन आरोपों को ख़ारिज़ करते रहे हैं और कहते रहे हैं कि विदेशी निवेश के प्रस्तावों को मंज़ूरी देने में कोई भी गड़बड़ी नहीं की गयी है। उस दौरान चिदंबरम केंद्र में वित्त मंत्री थे। 

इस मामले में सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एफ़आईआर दर्ज की थी। आरोप है कि कार्ति ने ही आईएनएक्स मीडिया की प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी को पी. चिदंबरम से मिलवाया था। यह भी आरोप हैं कि आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश की मंज़ूरी दिलाने में कार्ति चिदंबरम ने घूस के तौर पर मोटी रकम ली थी। इस मामले में कार्ति चिदंबरम को गिरफ़्तार भी किया गया था। हालाँकि बाद में उन्हें ज़मानत मिल गई थी। फिर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर जाँच शुरू कर दी थी।