केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि कोई प्रवासी मज़दूर पैदल चल अपने गृह राज्य न जाए। केंद्र ने यह भी कहा है कि राज्य सरकारें इन प्रवासी मज़दूरों को समझाए-बुझाए और उन्हें शेल्टर होम में रखे।
महाराष्ट्र में बीते हफ़्ते 16 मजदूरों के रेल पटरी पर सो जाने और ट्रेन से कट कर उनकी मौत होने से परेशान केंद्र सरकार ने यह आदेश जारी किया है। केंद्र ने कहा कि राज्य सरकार किसी कीमत पर सड़क पर या रेल पटरी पर किसी मज़दूरों को चलते हुए न जाने दे।
स्वास्थ्य कर्मियों पर रोक नहीं
लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से यह भी कहा है कि वे डॉक्टरों और दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों की आवाजाही में व्यवधान न डालें। ऐसा करने से कोरोना से लड़ने की कोशिशों में अड़चन आएगी।केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों से जुड़ा यह आदेश इसलिए दिया कि नोयडा, ग़ाज़ियाबाद, गुड़गाँव और फ़रीदाबाद ने डॉक्टरों के दिल्ली आने-जाने पर रोक लगा दी थी।
'स्पेशल ट्रेन से भेजें'
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को लिखी चिट्ठी में प्रवासी मज़दूरों के सड़क पर पैदल चलने पर चिंता जताई है। ख़त में यह भी कहा गया है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलने लगी हैं, ऐसे में इन प्रवासी मज़दूरों को उसी से भेजा जाना चाहिए।चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि यदि प्रवासी मज़दूर सड़क पर पैदल अपने गृह राज्य जाते हुए दिखते हैं तो उन्हें रोक कर समझाया बुझाया जाए, शेल्टर होम ले जाकर रखा जाए और खाने-पीने का इंतजाम किया जाए। उसके बाद उन्हें श्रमिक स्पेशल ट्रेन या बस से उनके गृह राज्य पहुँचाया जाए।