ओमिक्रॉन वैरिएंट के कोरोना के दूसरे वैरिएंट से ज़्यादा संक्रामक होने की दुनिया भर से आ रही रिपोर्टों के बाद अब केंद्र सरकार ने भी माना है कि यह बेहद तेज़ी से फैलता है। इसने राज्यों को अपनी तैयारी तेज़ करने, स्वास्थ्य व्यवस्था मज़बूत करने, जाँच व केसों की ट्रेसिंग को सुदृढ़ करने को कहा है। इसके साथ ही इसने यह भी कहा है कि किन परिस्थितियों में किस तरह के प्रतिबंध लगाए जाएं। तो क्या सच में हालात ख़राब होने वाले हैं?
केंद्र सरकार ने मंगलवार शाम को राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट से तीन गुना ज़्यादा संक्रामक है। इस पर चिंता जताते हुए केंद्र ने राज्यों से कहा है कि इसे नियंत्रित करने के लिए वार रूम को सक्रिय किया ही जाना चाहिए। केंद्र ने यह भी कहा है कि ओमिक्रॉन के अलावा देश के कई हिस्सों में डेल्टा वैरिएंट अभी भी मौजूद है।
उपाए बताए
राज्यों को भेजे गए पत्र में केंद्र ने कहा है कि चूँकि ओमिक्रॉन डेल्टा की तुलना में कम से कम 3 गुना ज़्यादा संक्रामक है इसलिए स्थानीय व ज़िला स्तर पर अधिक दूरदर्शिता दिखानी होगी, डेटा विश्लेषण करना होगा, गतिशील निर्णय लेने होंगे और इसके रोकथाम के लिए कड़ी और त्वरित कार्रवाई करने की ज़रूरत है।
ख़तरे का स्तर
केंद्र ने राज्यों को इसके लिए कुछ बुनियादी दिशा-निर्देश भी दिए हैं। इसने कहा है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को संक्रमण की एक तय सीमा तक पहुँचने से पहले ही रोकथाम के उपाय कर लेने चाहिए। इसने कहा है कि पिछले एक सप्ताह में 10 प्रतिशत या उससे अधिक की पॉजिटिविटी रेट हो जाने या फिर ऑक्सीजन वाले आईसीयू बेड 40 प्रतिशत भर जाने पर तय सीमा आ जाएगी।
रोकथाम कैसे करें राज्य?
केंद्र ने पत्र में रोकथाम के उपाए भी बताए हैं। इन उपायों में रात का कर्फ्यू, बड़े समारोहों का नियमन, कार्यालयों व सार्वजनिक परिवहन में लोगों की संख्या पर प्रतिबंध लगाना भी शामिल हैं।
यह भी सुझाव दिया गया है कि आपातकालीन धन का उपयोग अस्पताल के बिस्तर, एम्बुलेंस, ऑक्सीजन उपकरण और दवाओं सहित चिकित्सा के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए किया जाए।
टेस्ट और निगरानी को मज़बूत करने के लिए केंद्र ने डोर-टू-डोर केस ढूंढने, सभी कोविड पॉजिटिव लोगों की संपर्क ट्रेसिंग और ओमिक्रॉन के लिए क्लस्टर नमूनों की जाँच का ज़िक्र किया है। राज्यों को 100 प्रतिशत टीकाकरण कवरेज में तेजी लाने को सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है।
केंद्र का यह फ़ैसला तब आया है जब ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले अब भारत में 200 हो गए हैं। इनमें से सबसे ज़्यादा केस दिल्ली और महाराष्ट्र में हैं। दोनों राज्यों में 54-54 पॉजिटिव केस आए हैं। बता दें कि सोमवार को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने साफ़ कहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा की तुलना में तेज़ी से फैल रहा है और पहले से ही टीका लगाए गए लोगों या कोरोना बीमारी से उबर चुके लोगों को संक्रमित कर रहा है।
डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शुरुआती सबूतों से यह निष्कर्ष निकालना 'मूर्खतापूर्ण' होगा कि ओमिक्रॉन पिछले वाले की तुलना में कमजोर वैरिएंट है।
बता दें कि दुनिया भर में ओमिक्रॉन का संक्रमण काफ़ी तेज़ी से फैल रहा है। ब्रिटेन में 37 हज़ार से ज़्यादा ओमिक्रॉन के मामले आ चुके हैं। अमेरिका में कोरोना के कुल नए मामलों में से 73.2% मामले ओमिक्रॉन के हैं।
यूरोप के कुछ हिस्सों में ओमिक्रॉन के तेजी से फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन जैसे उपाए किए जा रहे हैं। ऑस्ट्रिया में भी लॉकडाउन लगाया गया है और बेल्जियम में टीका न लगवाने वालों पर पाबंदियां लगाई गई हैं। नीदरलैंड में रविवार को लॉकडाउन लगाया गया और कई और देशों में कोरोना प्रतिबंध लगाए जाने की संभावना है।