मोदी सरकार के द्वारा कृषि क़ानून वापस लिए जाने के एलान का किसानों ने जोरदार स्वागत किया है। किसानों ने सिंघु और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर जोरदार जश्न मनाया और मिठाइयां बांटी। उन्होंने कहा कि सरकार को ये क़ानून पहले ही वापस ले लेने चाहिए थे। इस दौरान किसानों ने किसान एकता और किसान आंदोलन जिंदाबाद के नारे भी लगाए।
सिंघु और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर जलेबियां बांटी गई जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर किसानों ने डीजे की ऊंची आवाज़ में जश्न मनाया।
पंजाब, उत्तराखंड और हरियाणा में भी कई जगहों पर किसानों ने एक-दूसरे को लड्डू खिलाकर जश्न मनाया और कहा कि लंबे संघर्ष के बाद उन्हें यह जीत हासिल हुई है।
हालांकि किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा और किसान उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार एमएसपी के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करे।
बजाए गए गाने
याद दिलाना होगा कि किसान आंदोलन शुरू होने के बाद पंजाब और हरियाणा में आंदोलन के समर्थन में कई गायकों ने गाने रिलीज किए थे। आज एक बार फिर इन गानों को बजाया गया और किसान जमकर झूमे। किसानों ने यह पैगाम भी दिया कि वे पूरी तरह एकजुट हैं।
अमेरिका से लेकर कनाडा और न्यूजीलैंड से लेकर न्यूयार्क तक और कई देशों में ये पंजाबी गाने काफ़ी मशहूर हुए थे। इन गानों के ये वीडियो यू ट्यूब, फ़ेसबुक पर लाखों बार सुने और देखे गए।
किसानों ने बार-बार कहा था कि वे उनकी मांग माने बिना बॉर्डर्स से नहीं हिलेंगे। कई राज्यों के किसानों का समर्थन इस आंदोलन को मिलने और विपक्षी दलों के नेताओं के साथ आने के बाद दिल्ली की हुक़ूमत की मुश्किलें बढ़ गई थीं।
लेकिन मुंह सामने खड़े पांच राज्यों के चुनाव और इसमें संभावित राजनीतिक नुक़सान को देखते हुए बीजेपी और मोदी सरकार को ये फ़ैसला लेना पड़ा। इस दौरान विपक्ष और किसानों ने सरकार पर जबरदस्त दबाव बना दिया था।