सीबीआई ने क़रीब 3600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड मामले में आरोपपत्र दायर कर दिया है। इसमें पूर्व रक्षा सचिव और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक शशिकांत शर्मा और पूर्व एयर वाइस मार्शल जसबीर सिंह पनेसर सहित अन्य पर आरोप लगाए गए हैं।
अगस्ता वेस्टलैंड का मामला वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद सौदे में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है। जब इस सौदे पर चर्चा हो रही थी तब पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव थे। शर्मा 2003 और 2007 के बीच रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव (वायु) थे और 2011-13 के बीच रक्षा सचिव और 2013-2017 के बीच लेखा परीक्षक थे।
शर्मा के अलावा पनेसर उन पांच सरकारी अधिकारियों में शामिल हैं जिनके ख़िलाफ़ एजेंसी ने आरोपपत्र दायर किया है। अन्य आरोपियों में पूर्व डिप्टी चीफ टेस्ट पायलट एसए कुंटे, विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) थॉमस मैथ्यू और ग्रुप कैप्टन (सेवानिवृत्त) एन संतोष शामिल हैं।
सीबीआई ने मार्च 2020 में सरकार से इन अधिकारियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की मंजूरी मांगी थी। उस साल सितंबर में एजेंसी ने 14 व्यक्तियों और संस्थाओं के ख़िलाफ़ आरोपपत्र दायर किया था, जो कथित तौर पर सौदे में शामिल थे, लेकिन तब मंजूरी के अभाव में शर्मा और अन्य को छोड़ दिया गया था।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य सहित शीर्ष नेताओं के लिए 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद के लिए अगस्ता वेस्टलैंड से सौदा हुआ था और इसी में कथित रिश्वतखोरी का आरोप लगा। अगस्ता वेस्टलैंड ने कथित तौर पर अयोग्य होने के बावजूद सौदा पा लिया।
सीबीआई के अनुसार, जिस सौदे में अगस्ता वेस्टलैंड को अर्हता प्राप्त करने में मदद करने के लिए तकनीकी आवश्यकताओं को बदल दिया गया था, उसकी दलाली रक्षा बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल और दो अन्य बिचौलियों कार्लो गेरोसा और गुइडो हाशके ने की थी। मिशेल रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ काम कर रहे थे जबकि बाक़ी के दो कथित तौर पर पूर्व आईएएफ़ प्रमुख एसपी त्यागी के परिवार से बात कर रहे थे।
सीबीआई ने शुरुआती जांच के बाद 14 मार्च 2013 को प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी में चार कंपनियों के अलावा पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और 12 अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया। इन व्यक्तियों में त्यागी परिवार के सदस्य और तीन बिचौलिए-मिशेल, कार्लो गेरोसा और गुइडो हाशके शामिल थे। प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने भी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की है।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि भारतीय अधिकारियों को अगस्ता वेस्टलैंड के पक्ष में सौदा करने के लिए 362 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी।