दिल्ली में नई आबकारी नीति को लेकर हुए कथित घोटाले में एक के बाद एक दो गिरफ्तारियां हुई हैं। पहली गिरफ्तारी विजय नायर की हुई है। यह गिरफ्तारी सीबीआई ने मंगलवार रात को की है। नायर आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन विभाग के प्रभारी हैं। जबकि दूसरी गिरफ्तारी समीर महेंद्रु की हुई है। यह गिरफ्तारी जांच एजेंसी ईडी ने बुधवार को की है।
समीर महेंद्रु इंडो स्पिरिट्स के मालिक हैं और शराब कारोबारी हैं। सीबीआई को अपनी जांच में समीर महेंद्रु द्वारा कथित तौर पर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के करीबी सहयोगियों को करोड़ों रुपये के भुगतान का पता चला था।
बताना होगा कि नई आबकारी नीति को लेकर दिल्ली में भी पिछले कई महीनों से जबरदस्त बवाल चल रहा है।
बीजेपी का कहना है कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नई आबकारी नीति में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया है जबकि आम आदमी पार्टी सरकार का कहना है कि यह पूरा मामला फर्जी है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है।
पिछले महीने ही विजय नायर और सात अन्य लोगों के खिलाफ सीबीआई ने लुक आउट नोटिस जारी किया था। आबकारी नीति को लेकर हुए जबरदस्त विवाद के बाद दिल्ली सरकार ने इसे वापस ले लिया था।
विजय नायर और दिनेश अरोड़ा
सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कर ली थी और इसमें मनीष सिसोदिया का नाम अभियुक्तों की सूची में पहले नंबर पर है। सूची में मनीष सिसोदिया के अलावा आबकारी विभाग के कई अफसरों के साथ ही विजय नायर और दिनेश अरोड़ा के नाम भी शामिल हैं।
सीबीआई ने आबकारी नीति के मामले में ही मनीष सिसोदिया के घर पर 14 घंटे तक छापेमारी की थी और उनके फोन और कंप्यूटर को जब्त कर लिया था। मनीष सिसोदिया के पंजाब नेशनल बैंक की गाजियाबाद ब्रांच में लॉकर को खंगाला गया था।
बीजेपी ने इस मामले में ताबड़तोड़ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सवाल उठाया था कि दिनेश अरोड़ा अरोड़ा आखिर देश छोड़कर क्यों भाग गए।
क्या है आरोप?
बीजेपी ने कहा था कि विजय नायर और दिनेश अरोड़ा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के लिए कैश कलेक्शन का काम करते थे। बीजेपी नेताओं ने कहा था कि नई आबकारी नीति के निर्देशक केजरीवाल हैं जबकि सिसोदिया विलेन हैं और इस कहानी में शराब माफिया का भी किरदार है। बीजेपी का कहना है कि सिसोदिया ने आबकारी नीति में जमकर भ्रष्टाचार किया है और उन्हें दिल्ली कैबिनेट से हटाया जाना चाहिए।
‘कोई घोटाला नहीं हुआ’
जबकि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली सरकार की जिस आबकारी नीति को लेकर विवाद हो रहा है, वह सबसे अच्छी आबकारी नीति थी और दिल्ली सरकार उस आबकारी नीति को पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से लागू कर रही थी। उन्होंने कहा था कि अगर दिल्ली के तत्कालीन उप राज्यपाल ने 48 घंटे पहले उस आबकारी नीति को फेल करने की साजिश के तहत अपना फैसला नहीं बदला होता तो दिल्ली सरकार को इस आबकारी नीति से कम से कम 10000 करोड़ रुपये हर साल मिलते। उन्होंने कहा था कि नई आबकारी नीति में किसी तरह का कोई घोटाला नहीं हुआ था।
बीजेपी ने बीते दिनों एक के बाद एक दो स्टिंग जारी कर यह दावा किया था कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने नई आबकारी नीति में जमकर भ्रष्टाचार किया है। यह स्टिंग आबकारी घोटाले में आरोपी नंबर 9 अमन अरोड़ा और सीबीआई के द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में आरोपी बनाए गए सनी मारवाह के पिता कुलविंदर मारवाह का था।
बीजेपी के सवाल
बीजेपी ने पूछा था कि आम आदमी पार्टी ने शराब के ठेकों पर कमीशन 2 से बढ़ाकर 12% क्यों किया। बीजेपी नेताओं ने मनीष सिसोदिया से पूछा था कि आबकारी नीति के मामले में जो लोग अभियुक्त हैं उनसे उनके क्या रिश्ते हैं।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने पूछा था कि मनीष सिसोदिया जवाब दें कि उन्होंने शराब माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए 21 ड्राई-डे की संख्या को घटाकर 3 क्यों किया? उन्होंने बीयर की इंपोर्ट ड्यूटी को गैरकानूनी तरीके से कम क्यों किया।
गुप्ता ने पूछा था कि दिल्ली में आवासीय परिसरों, स्कूलों के पास, मंदिरों के पास शराब के ठेके खोलने की अनुमति क्यों दी गई।
आप ने जारी किया बयान
विजय नायर की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी के तमाम नेताओं ने एक के बाद एक बयान जारी किए हैं। राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि विजय नायर आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन विभाग के प्रभारी हैं और उन्होंने पंजाब के विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए कम्युनिकेशन की रणनीति बनाई थी और इन दिनों वह गुजरात के लिए भी यही काम कर रहे थे। संजय सिंह ने कहा कि विजय नायर के घर की तलाशी ली गई, घंटों पूछताछ की गई लेकिन कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि विजय नायर पर मनीष सिसोदिया का नाम लेने का दबाव बनाया गया लेकिन जब उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी मार्लेना, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक ने भी इस मामले में बयान जारी किया है। सवाल यह है कि क्या सीबीआई इस मामले में कुछ और लोगों को गिरफ्तार करेगी?