बीजेपी नेता और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर जब से महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है तब से उनके बारे में सोशल मीडिया पर तरह-तरह की टिप्पणियाँ आ रही हैं। किसी ने उनके पुराने इंटरव्यू की क्लिप को साझा किया है तो किसी ने एक खिलाड़ी के साथ उनकी हरकतों को। किसी ने बृजभूषण शरण सिंह की राजनीतिक हैसियत की तो किसी ने 'दबंगई' की। तो सवाल है कि उनके बारे में सच क्या है? वह आख़िर कौन हैं और कितने ताक़तवर हैं?
वैसे, इस सवाल का जवाब तो इस तथ्य से भी मिल सकता है कि यौन उत्पीड़न का आरोप लगा और साक्षी मलिक, विनेश फोगट व बजरंग पूनिया जैसे शीर्ष भारतीय पहलवान प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन कार्रवाई अभी तक नहीं हो पाई है। वरिष्ठ पत्रकार दीपक शर्मा लिखते हैं कि 'यूपी की राजनीति में आज इनसे बड़ा बाहुबली कोई नहीं है।' उन्होंने ट्वीट किया है-
बृजभूषण शरण सिंह खुद कुश्ती के अखाड़े में हाथ आजमा चुके हैं। कुश्ती से निकले तो राजनीति के अखाड़े में कूदे हैं। पहले समाजवादी पार्टी में थे और अब बीजेपी में हैं। कभी खुद उम्मीदवार के रूप में उतरे तो कभी उम्मीदवार के रूप में अपनी पत्नी को उतारा।
कहा जाता है कि पहलवान रहे बृजभूषण शरण सिंह राम जन्मभूमि आंदोलन के माध्यम से राजनीति में आये। बाबरी मस्जिद विध्वंस में उनपर मुक़दमा भी हुआ। कहा जाता है कि उन्हें बीजेपी की उतनी ज़रूरत नहीं है जितनी बीजेपी को उत्तर प्रदेश में बृजभूषण शरण सिंह की है। उनकी अपने मूल गोंडा के आसपास के कम से कम आधा दर्जन जिलों में जबरदस्त पकड़ है।
उनका रुतबा क्या है इसका इससे भी अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि उन्होंने एक इंटरव्यू में कथित तौर पर हत्या की बात की थी। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में उनको यह कहते सुना जा सकता है।
एक अन्य वीडियो में मंच पर किसी को थप्पड़ मारते हुए उन्हें देखा जा सकता है। राहुल अहिर नाम के यूज़र ने एक पुराने वीडियो को ट्वीट कर लिखा है कि एक कार्यक्रम में शिकायत लेकर पहुँचे यूपी के पहलवान को उन्होंने थप्पड़ जड़ दिये थे।
बृजभूषण शरण सिंह की राजनीतिक ताक़त का अंदाज़ा इससे भी लगाया जा सकता है कि वह छह बार के सांसद हैं। उनके बेटे प्रतीक भूषण गोंडा सदर से विधायक के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल में हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय नेता कहते हैं कि हर साल 8 जनवरी को वह अपने जन्मदिन पर भव्य समारोह आयोजित करते हैं, जहां प्रतिभा खोज परीक्षा के माध्यम से चुने गए छात्रों को मोटरसाइकिल, स्कूटी और नकद के साथ पुरस्कृत किया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी नेताओं का कहना है कि बृजभूषण सिंह का इंजीनियरिंग, फार्मेसी, शिक्षा और कानून सहित 50 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों के साथ सक्रिय जुड़ाव है। इससे बहराइच, गोंडा, बलरामपुर, अयोध्या और श्रावस्ती जिलों में उनकी अच्छी-खासी पैठ है। उन्होंने अपने रसूख से इन जिलों में अपना साम्राज्य खड़ा कर लिया है। वह उन छात्रों को शुल्क माफ भी करते हैं जो भुगतान करने में असमर्थ हैं।
बता दें कि यह वही बृजभूषण सिंह हैं जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में उत्तर प्रदेश में बाढ़ के दौरान योगी आदित्यनाथ सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने प्रशासन पर खराब तैयारी करने, राहत के लिए पर्याप्त काम नहीं करने का आरोप लगाया और कहा था कि लोगों को "भगवान भरोसे" छोड़ दिया गया। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया था कि मौजूदा सरकार आलोचना बर्दाश्त नहीं करती और इसे व्यक्तिगत रूप से लेती है।
ऐसी टिप्पणी के लिए भी बृजभूषण सिंह के ख़िलाफ़ न तो योगी सरकार की ओर से और न ही बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से कुछ बयान आया था। सिंह ने उस सपा नेता आजम खान की प्रशंसा की थी जो राज्य में भाजपा के निशाने पर रहते हैं।