बिहार विधानसभा में राष्ट्रीय जनता दल के विधायकों की हुई ज़ोरदार पिटाई का मामला नहीं उठाने दिया गया। आरजेडी सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में बिहार विधानसभा में हुई पुलिस कार्रवाई का मामला उठाना चाहा तो राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने इससे मना कर दिया।
'लोकतंत्र का शव निकला है'
वेंकैया नायडू ने कहा कि यह राज्य का विषय है वे इसे यहाँ उठाने की अनुमति नहीं दे सकते। इसके बाद मनोज झा ने कहा,
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"बिहार राष्ट्रपति शासन के लिये बिल्कुल सही मामला है। मुझे मुद्दा उठाने नही दिया गया। महिलाओं के साथ क्या हुआ? विधानसभा में पुलिस भेजा गया। 40 सीटों वाले मुख्यमंत्री क्या कर रहे हैं? वहाँ तो लोकतंत्र का शव निकला है।"
मनोज झा, राज्यसभा सदस्य, राष्ट्रीय जनता दल
बता दें कि मंगलवार को बिहार विधानसभा में बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 पर चर्चा के दौरान ज़ोरदार हंगामा हुआ। इस दौरान मुख्य विपक्षी पार्टी राजद समेत अन्य विपक्षी दलों के विधायकों के साथ सदन के अंदर पुलिस की धक्का-मुक्की और हाथापाई भी हुई।
सतीश कुमार दास, सदस्य, बिहार विधानसभा
इससे पहले सांसद मनोज झा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह बुधवार को बिहार विधानसभा में आरजेडी विधायकों की साथ हुई बदसलूकी का मुद्दा संसद में उठाएंगे।
बीजेपी सांसद ने किया बचाव
लेकिन पाटलिपुत्र से बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने कहा,
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"जो कुछ हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। विपक्ष ने हिंसा की है। किसी को नहीं छोड़ा। सदन से लेकर बाहर तक, हर जगह मार पिटाई की गई, इसे नहीं रोका जाता तो, कुछ भी हो जाता।"
रामकृपाल यादव, लोकसभा सदस्य, बीजेपी
बता दें कि मंगलवार को बिहार विधानसभा में विधायकों पर पुलिस कार्रवाई का हाल यह रहा कि राष्ट्रीय जनता दल के मखदुमपुर सुरक्षित क्षेत्र के विधायक सतीश कुमार दास को स्ट्रेचर से एंबुलेंस पर लादकर अस्पताल ले जाया गया। इसके अलावा भाकपा माले के विधायक सत्येन्द्र यादव और राजद विधायक रीतलाल यादव भी घायल बताये गये हैं।
यह ख़बर भी मिली कि विपक्ष के विधायक और एक मंत्री भी आपस में भिड़ गये।
भाकपा माले ने ट्वीट कर कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो राज्यसभा से अलोकतांत्रिक तरीक़े से पारित किए गए कृषि क़ानूनों की घटना को भी पीछे छोड़ दिया।