चिदंबरम को राहत नहीं, सीबीआई-ईडी  तलाश में

07:51 pm Aug 21, 2019 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

पूर्व केंद्रीय वित्त और गृह मंत्री पी. चिदंबरम को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने अग्रिम जमानत की याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है। बताया जा रहा है कि अब इस मामले की सुनवाई 23 अगस्त को हो सकती है। इससे पहले बुधवार सुबह तीन जजों की बेंच ने कहा था कि याचिका को मुख्य न्यायाधीश के सामने रखा जाए और सीजेआई रंजन गोगोई ही इस मामले में सुनवाई करेंगे। चिदंबरम के वकीलों की कोशिश थी कि इस मामले में बुधवार को ही सुनवाई हो जाए लेकिन ऐसा नहीं हो सका। 

चिदंबरम पर गिरफ़्तारी की तलवार लटक रही है और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई उनकी तलाश में हैं। ईडी ने चिदंबरम के ख़िलाफ़ 'लुक आउट नोटिस' जारी कर दिया है। मंगलवार शाम को सीबीआई की एक टीम उनके घर पर पहुँची थी लेकिन कांग्रेस नेता वहाँ नहीं मिले थे। इससे पहले मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। मंगलवार शाम से ही चिदंबरम का कुछ पता नहीं है। दूसरी ओर, सीबीआई ने भी चिदंबरम के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस जारी किया है। इससे चिदंबरम की मुश्किल और बढ़ गई है।

अदालत ने की थी सख़्त टिप्पणी

मंगलवार को अदालत ने चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए बेहद सख़्त रुख दिखाया था। अदालत ने कहा था कि उन्हें सिर्फ़ इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती कि वह सांसद हैं। जस्टिस सुनील गौर ने कहा था, ‘इस मामले में पहली नज़र में तो तथ्य सामने आये हैं वे यह बताते हैं कि याचिकाकर्ता ही इस मामले का सूत्रधार है और वही इस मामले का मुख्य साज़िशकर्ता भी है।’ मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस सुनील गौर ने कहा था कि यह कहना अतिश्योक्ति होगा कि चिदबंरम पर लगे आरोप निराधार हैं, राजनीति से प्रेरित हैं और बदले की भावना से लिये गये हैं। जस्टिस गौर ने कहा था कि यह एक आर्थिक अपराध है और इस मामले से सख़्ती से निपटा जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि इतने बड़े आर्थिक अपराध के मामले में जाँच एजेंसी के हाथों को बाँधकर नहीं रखा जा सकता। 

राहुल, प्रियंका समर्थन में उतरे

कांग्रेस कार्यकर्ता चिदंबरम के समर्थन में आ गए हैं। चिदंबरम के समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके आवास के बाहर प्रदर्शन किया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनके नेता को राजनीतिक कारणों से निशाना बनाया जा रहा है। 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने चिदंबरम के समर्थन में ट्वीट किया है। प्रियंका ने लिखा, 'बेहद योग्य और सम्मानित राज्यसभा सदस्य पी. चिदंबरम जी ने दशकों तक वित्त मंत्री और गृह मंत्री के रूप में देश की सेवा की है।’ प्रियंका ने आगे कहा, ‘चिदंबरम बिना हिचके सरकार की असफलताओं को बयां करते हैं और सच बोलते हैं लेकिन सच्चाई का सामना करना कायर लोगों के लिए मुश्किल होता है। इसलिए शर्मनाक ढंग से उनका पीछा किया जा रहा है। हम उनके साथ खड़े हैं और सच्चाई के लिए लड़ते रहेंगे, चाहे इसका परिणाम कुछ भी हो।’

कांग्रेस सांसद और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी ट्वीट कर मोदी सरकार पर हमला बोला है।राहुल गाँधी ने ट्वीट कर कहा, ‘मोदी सरकार ईडी, सीबीआई और मीडिया के एक रीढ़विहीन वर्ग का इस्तेमाल कर चिदंबरम का चरित्र हनन कर रही है। मैं सत्ता का दुरुपयोग करने की कड़ी निंदा करता हूँ।’

चिदंबरम के बुरी तरह घिरने के बाद कांग्रेस ने इस कार्रवाई को राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित बताया है। कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा है कि चिदंबरम और उनके परिवार के ख़िलाफ़ अत्याचार हो रहा है और यह पूरी तरह क़ानून और लोकतंत्र का अपमान है। तिवारी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अज्ञानता और अहंकार का अभिमान एक बेहद ही घातक कॉकटेल है।