अयोध्या में क्या हो रहा है...मंदिर की छत टपकी, रामपथ पर गड्ढे, महंत का गनर छीना

11:22 am Jun 25, 2024 |

अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने सोमवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह की छत से पानी टपक रहा है। जबकि यह पहली बारिश है। प्राण प्रतिष्ठा को अभी 6 महीने हुए हैं।

राम मंदिर का निर्माण 1,800 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जा रहा है। 22 जनवरी को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक समारोह में मंदिर का उद्घाटन किया गया, जबकि इसके कुछ हिस्से अभी भी निर्माणाधीन थे। यहां पर बाबरी मस्जिद थी। जिसे 6 दिसंबर 1992 को गिरा दिया गया था। 

सोमवार को, मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने पीटीआई को बताया कि बारिश का पानी उस स्थान के ठीक ऊपर की छत से रिस रहा था, जहां पुजारी राम की मूर्ति के सामने बैठते हैं। उन्होंने कहा, ''यह बहुत आश्चर्य की बात है कि पूरे देश के इंजीनियर राम मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। मंदिर का उद्घाटन अभी 22 जनवरी को हुआ था। लेकिन, कोई नहीं जानता था कि अगर और बारिश होगी, तो क्या होगा। हैरान कर देने वाली बात है कि एक विश्व प्रसिद्ध मंदिर की छत टपक रही है. ऐसा क्यों हुआ?"

उन्होंने मंदिर के निर्माण में लापरवाही का भी आरोप लगाया और दावा किया कि शनिवार को हुई बारिश के बाद मंदिर परिसर से बारिश के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई। उन्होंने मंदिर अधिकारियों से तत्काल कदम उठाने और तमाम उपाय करने का आग्रह किया।

हालांकि, राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि छत से रिसाव हो रहा है क्योंकि वह हिस्सा सुरक्षित नहीं है और आसमान के लिए खुला है। उन्होंने मंदिर बिल्डिंग की डिजाइन में कमियों की बात को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि "यह अपेक्षित है क्योंकि गुरु मंडप आसमान नीचे है, मंडप के ऊपर आसमान है। मैंने नाली से कुछ रिसाव देखा है, क्योंकि पहली मंजिल पर काम चल रहा था। पूरा होने पर, नाली बंद कर दी जाएगी। गर्भगृह में जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है।”

पीटीआई ने बताया है कि बारिश के बाद अयोध्या में बनी तमाम सड़कें टूट गई हैं। लोगों ने सोशल मीडिया पर राम पथ की तस्वीरें पोस्ट की हैं। जिनमें सड़कों पर गड्ढे साफ दिखाई दे रहे हैं। इन सड़कों को 6 महीने पहले मंदिर के उद्घाटन से पहले बनाया गया था।


उज्ज्वल भट्टाचार्य ने फेसबुक पर रामपथ की तस्वीरें डाली हैं। उसे देखिए-

इस ट्वीट को भी देखिए। इस यूजर ने कई फोटो एक्स पर डाली है।

महंत ने अफसरों से नोकझोंक की, तो गनर हटाया

अयोध्या में प्रतिष्ठित हनुमान गढ़ी मंदिर के पुजारी महंत राजू दास को दिया गया सुरक्षा गनर वापस ले लिया गया। फैजाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा की चुनावी हार पर जिला मजिस्ट्रेट के साथ शुक्रवार रात को तीखी नोकझोंक के बाद गनर वापस ले लिया गया। महंत राजू दास यूपी के कैबिनेट मंत्रियों सूर्य प्रताप शाही और जयवीर सिंह द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में पहुंचे और फैजाबाद में भाजपा की हार के लिए जिला प्रशासन की हालिया कार्रवाइयों को जिम्मेदार ठहराया। इस पर जिलाधिकारी नितीश कुमार से उनकी बहस हो गयी।

शनिवार को महंत दास ने कहा कि उन्होंने बैठक में लोगों से कहा कि भाजपा की हार के लिए अकेले पार्टी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। क्योंकि जिला प्रशासन भी उतना ही दोषी था। फैजाबाद सीट से सपा के अवधेश प्रसाद ने दो बार के भाजपा सांसद लल्लू सिंह को इस चुनाव में हराया है। महंत के अनुसार, जिला प्रशासन ने चुनाव से ठीक पहले अयोध्या के लोगों को नोटिस देकर (पुनर्विकास कार्यों के लिए) संपत्ति खाली करने का निर्देश दिया था। इससे सत्तारूढ़ दल के खिलाफ गुस्सा था।

महंत राजू दास ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि “शुक्रवार रात करीब 11 बजे थे जब मेरी डीएम से बहस हो गई और डीएम, एसएसपी के साथ तुरंत बैठक छोड़कर चले गए। मैं दो मिनट बाद बाहर निकला, तो देखा कि मेरी सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस गनर अब वहां नहीं था। मुझे बताया गया कि उन्हें तुरंत वापस बुलाया गया था।” दास ने कहा कि 

“मैं इस संबंध में किसी वरिष्ठ अधिकारी को लिखने नहीं जा रहा हूं। संतो की सरकार में संतो का अपमान हो रहा है।”

जिला प्रशासन का कहना है कि महंत राजू दास पर 2013, 2017 और 2023 में तीन आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे। इस वजह से उनसे गनर वापस लिए गए हैं। यूपी के मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि महंत राजू दास को समीक्षा बैठक में बुलाया ही नहीं गया था। वे जबरन वहां पहुंचे थे। शाही ने कहा कि उनके सामने डीएम और महंत की नोकझोंक नहीं हुई थी, हो सकता है, बाद में हुई हो।