केजरीवाल की जमानत पर SC का फैसला सामान्य नहीं: अमित शाह

10:44 pm May 15, 2024 | सत्य ब्यूरो

अमित शाह ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अरविंद केजरीवाल को दी गई अंतरिम जमानत को असमान्य फ़ैसला क़रार दिया। एएनआई को दिए इंटरव्यू में देश के गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, 'मेरा मानना है कि यह कोई नियमित फैसला नहीं है। इस देश में बहुत सारे लोग मानते हैं कि विशेष व्यवहार किया गया है।'

दिल्ली शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी अंतरिम जमानत याचिका मंजूर किए जाने के बाद 10 मई को रिहा कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी है। साथ ही उन्हें 2 जून को हर हाल में सरेंडर करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है इस दौरान उनके द्वारा चुनाव प्रचार करने पर कोई रोक या पाबंदी नहीं रहेगी। वह मुख्यमंत्री कार्यालय या सचिवालय नहीं जा सकते हैं और मुख्यमंत्री के रूप में किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर भी नहीं कर सकते हैं।

अदालत ने अंतरिम जमानत के लिए लोकसभा चुनाव में प्रचार की ज़रूरत पर गौर किया था। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने अपने आदेश में केजरीवाल को जमानत देते हुए सहभागी लोकतंत्र की ज़रूरत बताई और कहा था कि आम चुनाव लोकतंत्र को ताक़त देते हैं।

पीठ ने कहा था, 'यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि लोकसभा का आम चुनाव इस साल सबसे महत्वपूर्ण और अहम घटना है, क़रीब 97 करोड़ मतदाताओं में से 65-70 करोड़ मतदाता अगले पाँच साल के लिए इस देश की सरकार चुनने के लिए अपना वोट डालेंगे।'

जब पहले भी जमानत पर दलीलें दी जा रही थीं तो अदालत ने चुनाव को लेकर जमानत दिए जाने पर विचार करने की बात कही थी। इसने कहा था कि अरविंद केजरीवाल आदतन अपराधी नहीं हैं और वह राष्ट्रीय राजधानी के निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं।

केजरीवाल मामले में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने पहले कहा था, 'चुनाव हैं। ये असाधारण परिस्थितियां हैं और वह आदतन अपराधी नहीं हैं।' जस्टिस दत्ता ने कहा था, 'अगर चुनाव नहीं होते तो अंतरिम जमानत का कोई सवाल ही नहीं होता।'

पहले ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के सुझाव का जोरदार विरोध किया था।

बहरहाल, अमित शाह ने केजरीवाल के उस बयान का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर 4 जून को लोकसभा चुनाव में विपक्षी इंडिया गठबंधन को बहुमत मिलता है तो उन्हें जेल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

आप प्रमुख के बयान को अदालत की अवमानना बताते हुए अमित शाह ने एएनआई से कहा, 'मेरा मानना है कि यह स्पष्ट रूप से सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है। वह यह कहना चाह रहे हैं कि अगर कोई जीत कर आता है तो सुप्रीम कोर्ट उसे जेल नहीं भेजता, भले ही वह दोषी हो। जिन न्यायाधीशों ने उन्हें जमानत दी, उन्हें सोचना होगा कि उनके फैसले का उपयोग या दुरुपयोग कैसे किया जा रहा है।'

केजरीवाल के इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जेल के अंदर गुप्त कैमरे लगाए हैं, अमित शाह ने कहा, 'तिहाड़ उनके प्रशासन के अंतर्गत आता है। वे झूठ बोलते रहते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय का इससे कोई लेना-देना नहीं है।'