दिल्ली में स्थित इंडिया गेट पर पिछले 50 साल से लगातार जल रही अमर जवान ज्योति की अग्नि को शुक्रवार को नेशनल वॉर मेमोरियल में जल रही अग्नि के साथ मिला दिया गया।
कहा गया है कि देश के लिए शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए पहले कोई वॉर मेमोरियल नहीं बनाया गया था, इसलिए इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर जवानों को श्रद्धांजलि दी जाती थी।
लेकिन अब शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए वॉर मेमोरियल बन चुका है तो अमर जवान ज्योति पर जल रही अग्नि को नेशनल वॉर मेमोरियल में जल रही अग्नि के साथ मिला दिया जाए।
केंद्र सरकार का बयान
केंद्र सरकार ने कहा है कि अमर जवान ज्योति पर जल रही अग्नि को लेकर बहुत सारी गलत बातें फैलाई जा रही हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अमर जवान ज्योति पर जल रही अग्नि को बुझाया नहीं जा रहा है बल्कि सिर्फ इसका विलय किया गया है।
नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। नेशनल वॉर मेमोरियल में भारत के लिए आजादी के बाद से अब तक शहीद हुए जवानों के नाम लिखे गए हैं।
नेशनल वॉर मेमोरियल 176 करोड़ की लागत से 40 एकड़ में बना है और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने से लेकर सेना के तमाम समारोह भी अब यहीं पर किए जाते हैं।
1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए 1972 में अमर जवान ज्योति पर अग्नि जलाई गई थी। जबकि इंडिया गेट को ब्रिटिश सरकार ने पहले विश्व युद्ध में शहीद हुए जवानों की याद में बनाया था।