एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने महाराष्ट्र में नेता विपक्ष का पद छोड़ने की इच्छा जताई है।
उन्होंने बुधवार को एक कार्यक्रम में शरद पवार की उपस्थिति में यह बात कह कर एनसीपी में डेढ़ महीने के अंदर ही इस्तीफे वाली पटकथा को दोहरा दिया है। राजनैतिक हलकों में माना जा रहा है कि पिछले दिनों उनकी बहन और सांसद सुप्रिया सुले और वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाना उन्हें पसंद नहीं आया है।वे पार्टी संगठन पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए प्रयासरत हैं। उन्हें लगने लगा है कि सुप्रिया सुले कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद अब ज्यादा मजबूत होंगी। जबकि नेता विपक्ष रहते हुए वह पार्टी संगठन से दूर हो रहे हैं। अब पार्टी में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए ही उन्होंने नया दांव चला है।
फिर दोहराई जा रही है इस्तीफा की पटकथा
उनका नेता विपक्ष का पद छोड़ने की इच्छा जताना दबाव की राजनीति का हिस्सा माना जा रहा है। कुछ ऐसी ही राजनीति एनसीपी में तब देखने को मिली थी जब 2 मई को खुद शरद पवार ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया था। कई दिनों तक तक चली मानमनौव्वल के बाद वह वापस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने पर राजी हुए थे। अब कुछ यही कहानी उनके भतीजे ने दोहरा दी है। बुधवार को अजीत पवार ने कहा था कि मैं कभी भी नेता विपक्ष की भूमिका के लिए सहमत नहीं था। पार्टी विधायकों की मांग को ध्यान में रखते हुए इस जिम्मेदारी को स्वीकार कर लिया था।
कहा कि पार्टी संगठन में काम करने का मौका दे
अजीत पवार ने अपनी इच्छा जताते हुए कहा कि नेता विपक्ष के बजाय मैं संगठन में भूमिका चाहता हूं।
मुझे संगठन में कोई रोल दीजिए और मुझे जो भी काम मिलेगा, उससे मैं पूरा न्याय करूंगा। अजीत पवार ने कहा था कि मुझे कुछ लोगों ने कहा कि विपक्ष के नेता के तौर पर मेरा जो व्यवहार होना चाहिए वैसा मैं नहीं करता हूं। मुझ पर आरोप लगता है कि मैं सरकार के खिलाफ नहीं बोलता हूं। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी हाईकमान से अपनी करता हूं कि वो मुझे नेता विपक्ष के पद से मुक्त कर पार्टी संगठन में काम करने का मौका दे।
माना जा रहा उत्तराधिकारी सुप्रिया सुले ही होंगी
अजीत पवार के समर्थकों का कहना है कि शरद पवार ने इस्तीफे का दांव चला था। इसके बाद बने भावुक माहौल में इस्तीफा वापस भी ले लिया। इससे उनके पक्ष में माहौल बना। बाद में बेटी सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया।इस कदम से शरद पवार ने संकेत दिया है कि उनकी वास्तविक उत्तराधिकारी सुप्रिया सुले ही होंगी।
ध्यान रहे कि जब अपना इस्तीफा वापस लेने की घोषणा की तब एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा था कि एनसीपी के उत्तराधिकारी को लेकर योजना बनानी होगी। उन्होंने कहा था कि हमें तय करना होगा कि भविष्य में पार्टी की कमान कौन संभालेगा। उन्होंने पार्टी में संगठनात्मक बदलाव का भी संकेत दिया था लेकिन उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में अजीत पवार मौजूद नहीं थे। इसके बाद से कई तरह की अटकलें लगने लगी थी।