पूर्व आईपीएस अधिकारी अजीत डोभाल को तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया है। गुरुवार को इस मामले में सरकारी आदेश जारी किया गया।
कैबिनेट नियुक्ति समिति के आदेश में कहा गया है कि डोभाल की नियुक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के साथ या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, तक रहेगी। उनका तीसरा कार्यकाल 10 जून से प्रभावी हुआ। आदेश के अनुसार, अपने कार्यकाल के दौरान डोभाल को वरीयता तालिका में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा और उनकी नियुक्ति की शर्तें अलग से अधिसूचित की जाएंगी।
इस बीच, नियुक्ति समिति ने प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी पीके मिश्रा की नियुक्ति को भी मंजूरी दे दी है। उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, तब तक रहेगी।
इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व निदेशक डोभाल प्रधानमंत्री के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक हैं। केरल कैडर के 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी डोभाल कीर्ति चक्र से सम्मानित होने वाले पहले पुलिसकर्मी थे। इसके अलावा, डोभाल भारतीय पुलिस पदक प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के अधिकारी रहे।
1968 बैच के आईपीएस अधिकारी डोभाल को पहली बार 31 मई, 2014 को प्रधानमंत्री का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया था। उल्लेखनीय है कि एनएसए का पद पहली बार 1998 में बनाया गया था, जब देश में दूसरी बार परमाणु परीक्षण किए गए थे।
एनएसए के तौर पर अजीत डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद यानी एनएससी के प्रमुख होंगे।
एनएससी की प्राथमिक भूमिका राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर प्रधानमंत्री को सलाह देना है। अपने कार्यकाल के दौरान डोभाल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा।
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में 20 जनवरी, 1945 को जन्मे डोभाल 1968 में भारतीय पुलिस सेवा यानी आईपीएस में शामिल हुए।