ऐसे समय जब पहले से तय कार्यक्रम के अलावा अब 18 से 44 साल की उम्र के लगभग 59 करोड़ लोगों को कोरोना टीका देने का अतिरिक्त बोझ देश पर आ चुका है, सीरम इंस्टीच्यूट के प्रमुख अदार पूनावाला ने साफ कह दिया है कि जुलाई तक भारत में कोरोना टीके की किल्लत बनी रहेगी क्योंकि उन्हें पहले से यह अनुमान नहीं था कि इतनी बड़ी तादाद में कोरोना टीकों की यकायक ज़रूरत होगी।
ब्रिटेन के अख़बार 'फ़ाइनेंशियल टाइम्स' से बातचीत में पूनावाला ने कहा कि सीरम इंस्टीच्यूट में जुलाई महीने में कोरोना टीके का उत्पादन 6-7 करोड़ प्रति महीने से बढ़ा कर 10 करोड़ टीके प्रति महीने कर दिया जाएगा।
'टीका का नया ऑर्डर नहीं मिला था'
इस अख़बार के अनुसार, पूनावाला ने कहा कि लोगों को यह लगने लगा था कि भारत में कोरोना संकट ख़त्म हो गया क्योंकि जनवरी में कोरोना के मामले कम होने लगे थे, किसी को यह अनुमान नहीं था कि यह लौटेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि किसी ने उनकी कंपनी को कोरोना टीके अधिक संख्या में बनाने का ऑर्डर नहीं दिया और यह अनुमान नहीं था कि साल में एक अरब से ज़्यादा कोरोना टीका खुराकें बनानी होंगी।
हालांकि सीरम इंस्टीच्यूट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने किसी का नाम नहीं लिया, पर समझा जाता है कि वह यह कहना चाहते हैं कि भारत सरकार ने उन्हें कोरोना टीका के नए ऑर्डर नहीं दिए थे, इस कारण टीके नहीं हैं।
ब्रिटेन में खुलेगा टीका संयंत्र
दूसरी ओर सीरम इंस्टीच्यूट ब्रिटेन में कोरोना टीका का संयंत्र लगाने जा रहा है। पूनावाला ने 'फ़ाइनेंशियल टाइम्स' से इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि साझीदारों और दूसरे लोगों से इस मुद्दे पर बात हुई जो काफी अच्छी रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि वह जल्द ही भारत लौट जाएंगे और पुणे में कोरोना टीके का उत्पादन बढ़ाने पर ज़ोर देंगे।
बता दें कि एस्ट्राज़ेनेका और ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोरोना टीका कोवीशील्ड भारत में सीरम इंस्टीच्यूट बनाता है। भारत में अब तक तक जितने लोगों को कोरोना टीकी गया है, उसका लगभग 90 प्रतिशत यही टीका है।
लंदन से प्रकाशित होने वाले मशहूर व प्रतिष्ठित अख़बार 'द टाइम्स' से बातचीत में पूनावाला ने कहा कि उन्हें ताक़तवर लोगों से कोरोना टीके के लिए लगातार धमकियाँ मिल रही थीं, इनमें मुख्यमंत्री, व्यापारी व दूसरे लोग थे, जो कोवीशील्ड की तुरन्त आपूर्ति चाहते थे।
कोरोना टीका कोवीशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीच्यूट के प्रमुख ने उन्हें मिल रही धमकियों के बारे में कहा था, 'वे कह रहे हैं कि यदि आपने टीका नहीं दिया तो अच्छा नहीं होगा। उनके कहने का मतलब यह है कि यदि मैंने उनकी बात नहीं मानी तो वे ऐसा कुछ कर देंगे। मेरे चारों ओर ऐसी स्थिति बन गई कि जब तक मैं उन्हें टीका न दे दूँ, मैं कुछ नहीं कर सकता।'