खालिस्तान अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में हुई हत्या में भारत सहयोग कर रहा है। एक बड़े कनाडाई अधिकारी ने पहली बार कहा है कि भारत "सहयोग" कर रहा है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कनाडा और दिल्ली ओटावा के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। चार महीने पहले दोनों देशों के संबंधों में इस मुद्दे पर काफी तल्खी आई थी।
कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोडी थॉमस, जो शुक्रवार को रिटायर हुईं, ने कनाडाई समाचार चैनल सीटीवी से कहा: “मैं उन्हें (भारतीयों को) सहयोग नहीं करने वाला नहीं कहूंगी। मुझे लगता है कि हमने उस रिश्ते में प्रगति की है। भारत के एनएसए के साथ मेरी चर्चा सार्थक रही है और मुझे लगता है कि उन्होंने चीजों को आगे बढ़ाया है।"
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत के साथ कनाडा के बेहतर रिश्ते अमेरिका में पन्नू को मारने की कथित साजिश का पर्दाफाश होने के बाद हुए हैं, जोडी थॉमस ने कहा- "दोनों मामले निश्चित रूप से जुड़े हुए हैं।" बता दें कि खालिस्तान अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की कथित साजिश में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता का नाम आया है। उस पर अमेरिका में केस दर्ज है। लेकिन गुप्ता इस समय नशीले पदार्थों की तस्करी में चेक रिपब्लिक की जेल में है।
कनाडा की दो दिन पहले रिटायर हुई एनएसए ने कहा- “उन्होंने जो जानकारी दी है वह भारत के साथ हमारी स्थिति और हमारे दावों का समर्थन करती है। भारत इसे सुलझाने के लिए हमारे और विशेष रूप से वहां के एनएसए के साथ मिलकर काम कर रहा है। इंडो-पैसिफिक में कार्य करने की हमारी क्षमता भारत के साथ अच्छे संबंधों पर निर्भर करती है। और मुझे लगता है कि हम उस दिशा में वापस काम कर रहे हैं।”
जोडी थॉमस को जनवरी 2022 में प्रधान मंत्री ट्रूडो का राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार नियुक्त किया गया था। पिछले छह महीनों में, थॉमस ने पिछले साल अगस्त से एनएसए अजीत डोभाल के साथ इस मुद्दे पर कई बार बातचीत की है, जिसमें सितंबर में दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर बातचीत भी शामिल है।
निवर्तमान कनाडाई एनएसए के बयानों पर भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई। दोनों देशों के राजनयिक संबंधों को तब भारी झटका लगा जब ट्रूडो ने पिछले सितंबर में कहा कि भारतीय एजेंट जून 2023 में कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़े थे। भारत सरकार ने निज्जर को खालिस्तानी आतंकी घोषित कर रखा था। वो भारत में वांछित था। हालांकि भारत ने निज्जर की हत्या में अपनी भूमिका से हमेशा इनकार किया। भारत ने कनाडा से इस संबंध में सबूत भी मांगे।