जिस गति से भारत में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या बढ़ रही है उस हिसाब से भारत कल चीन से आगे निकल जाएगा। भारत में यह संख्या 81 हज़ार 970 हो गई है वहीं चीन में यह 82 हज़ार 933 है। यानी क़रीब एक हज़ार कम। भारत में हर रोज़ 3000 से 4000 के बीच में मामले बढ़ रहे हैं और चीन में गिनती के सिर्फ़ 1-10 के बीच।
यह वही चीन है जिसके वुहान शहर में पिछले साल दिसंबर के आख़िर में पहला मामला आया था। वहाँ एक समय इसने महामारी का रूप ले लिया था, लेकिन अब नियंत्रण में है। जब इस वायरस का पहला केस आया था तब यह बिल्कुल ही नया वायरस था। न तो इस वायरस के बारे में जानकारी थी और न ही इसके फैलने के बारे में। न ही यह जानकारी थी कि इसे फ़ैलने से रोका कैसे जाए। इलाज और दवा की तो बात ही दूर है। सबकुछ पहली बार हो रहा था। फिर भी चीन ने इस वायरस को नियंत्रित कर लिया। लेकिन जब इस वायरस के बारे में काफ़ी कुछ जान लिया गया, कैसे यह फैलता है, कैसे इसे रोका जा सकता है, तैयारी करने का समय भी मिल गया, तो भी कई देश स्थिति को काबू करने में नाकाम रहे। भारत अब उसी चीन से आगे निकलने वाला है। आख़िर यह कैसे हुआ
हाल के आँकड़ों को देखें तो इस साल 25 फ़रवरी को चीन में 78 हज़ार 64 पॉजिटिव केस थे जो अब 82 हज़ार 929 पर पहुँच गया है। यानी क़रीब 80 दिनों में 4900 मामले आए। भारत में 14 मई को 78 हज़ार 3 केस थे जो 15 मई को बढ़कर 81 हज़ार 970 हो गए। 15 मई को भारत में क़रीब 4000 नये पॉजिटिव मरीज़ आए। अब 16 मई को क़रीब-क़रीब तय है कि चीन से भारत आगे निकल जाएगा। यानी चीन में आख़िरी के 80 दिनों में जितने केस बढ़े हैं उससे डेढ़ गुना से ज़्यादा मामले भारत में सिर्फ़ दो दिन में बढ़े हैं।
मौजूदा स्थिति में सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या के मामले में भारत 12वें स्थान पर है और कल इसके 11वें स्थान पर पहुँचने की संभावना है। अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों में तो स्थिति बेकाबू हो गई थी, लेकिन अब उन अधिकतर देशों में स्थिति काबू में है। हालाँकि उन देशों में कोरोना संक्रमण के मामले काफ़ी ज़्यादा हो चुके हैं। अमेरिका में 14 लाख 57 हज़ार पॉजिटिव केस आ चुके हैं और 86 हज़ार लोग मारे गए हैं। स्पेन में 2 लाख 72 हज़ार संक्रमण के मामले आए और 27 हज़ार लोगों की मौत हुई। रुस में 2 लाख 52 हज़ार पॉजिटिव मामले आए, 2300 लोगों की मौत हुई। इंग्लैंड में 2 लाख 33 हज़ार पॉजिटिव केस आ चुके हैं और 33 हज़ार लोग मारे गए। इटली में 2 लाख 23 हज़ार संक्रमण के मामले आए और 31 हज़ार लोगों की मौत हुई। ब्राज़ील में 2 लाख 3 हज़ार संक्रमण के मामले आए और 14 हज़ार लोगों की मौत हुई।
वैसे, भारत में कोरोना संक्रमण उस तेज़ी से नहीं फैला है जैसे पश्चिमी देशों में फैला है। भारत ने कुछ हद तक इस पर नियंत्रण भी पाया है। हालाँकि केरल और उत्तर-पूर्वी राज्यों ने इसको काफ़ी हद तक नियंत्रित किया है, लेकिन कई राज्यों में स्थिति काबू में नहीं है।
इसमें महाराष्ट्र सबसे ज़्यादा प्रभावित है। राज्य में 27 हज़ार 524 पॉजिटिव केस आ चुके हैं और 1019 लोगों की मौत हो गई है। तमिलनाडु में 9674 पॉजिटिव मामले आए और 66 लोगों की मौत हुई। गुजरात में 9591 संक्रमण के मामले आए हैं और 586 लोगों की मौत हुई है। दिल्ली में 8470 संक्रमण के मामले आए हैं, 115 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब जैसे राज्यों में भी स्थिति ठीक नहीं है। प्रवासी मज़दूरों के लौटने के बाद बिहार और ओडिशा में अब स्थिति बिगड़ने की आशंका है।
लॉकडाउन के क़रीब दो महीने होने को आए, लेकिन संक्रमण बढ़ने की तेज़ी में कमी नहीं आ पाई है। अब आर्थिक हालात ज़्यादा नहीं बिगड़े इसलिए लॉकडाउन में ढील भी दी जा रही है। लेकिन इसके साथ ही आशंका जताई जा रही है कि इससे स्थिति कहीं ज़्यादा ख़राब न हो जाए।