देश में फिर कोरोना के रिकॉर्ड पॉजिटिव केस आए हैं और रिकॉर्ड मौतें हुई हैं। 24 घंटे में देश में 4 लाख 12 हज़ार 262 पॉजिटिव केस आए। इस दौरान 3980 लोगों की मौत हुई। एक दिन में यह अब तक का सबसे ज़्यादा आँकड़ा है। इससे पहले देश में सबसे ज़्यादा मामले एक मई को रिकॉर्ड किए गए थे। तब 24 घंटे में 4.1 लाख केस आए थे। एक दिन में सबसे ज़्यादा मौत की रिपोर्ट एक दिन पहले ही बुधवार को आई थी। तब कहा गया था कि एक दिन में 3780 लोगों की मौत हुई थी।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा गुरुवार को जारी बुधवार के एक दिन के आँकड़े के बाद अब देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2 करोड़ 10 लाख 77 हज़ार से ज़्यादा हो गई है। अब तक 1 करोड़ 72 लाख से ज़्यादा मरीज़ ठीक हो चुके हैं। कुल 2 लाख 30 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। चिंता की बात यह है कि देश में सक्रिए मामलों की संख्या बढ़कर अब 35 लाख 66 हज़ार 398 हो गई है।
देश में सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है। वहाँ बुधवार को कोरोना से रिकॉर्ड 920 मौतें दर्ज की गई हैं और 57,000 से अधिक नए मामले दर्ज किए गए। हालाँकि राजधानी मुंबई में संक्रमण के मामले हाल के दिनों में कम हुए हैं। मुंबई में एक दिन में 3,879 नए मामले आए। राज्य में वर्तमान में 6.41 लाख सक्रिय मामले हैं।
महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और उत्तर प्रदेश सहित 12 राज्यों में 1-1 लाख से अधिक सक्रिय मामले हैं। पिछले दो हफ्तों से कोरोनो वायरस मामलों की संख्या में तीस ज़िलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इनमें से दस ज़िले केरल में, सात आंध्र प्रदेश में, तीन कर्नाटक में और एक तमिलनाडु में है।
बता दें कि देश में अभी कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। यह लहर अभी शिखर पर पहुँची भी नहीं है कि तीसरी लहर की आशंका जताई गई है। सरकारी वैज्ञानिक डॉक्टर के. विजय राघवन ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर को नहीं टाला जा सकता है।
सरकारी वैज्ञानिक डॉक्टर के. विजय राघवन ने कहा कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का मुकाबला करने के लिए वैक्सीन को अपडेट करने की जरूरत होगी, इसके साथ ही टीकाकरण कार्यक्रम को गति भी देनी होगी।
डॉक्टर राघवन ने कहा कि यह चिंता की बात इसलिए है कि भारत में कोरोना संक्रमण के चलते अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही और बड़ी संख्या में लोगों को जान गंवानी पड़ी है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि कोरोना की यह तीसरी लहर कब आएगी, लेकिन हमें इसे लेकर सचेत रहना होगा।
उन्होंने कहा कि यूके वरिएंट का असर अब कम हो रहा है, लेकिन नए वेरिएंट प्रभाव दिखा रहे हैं। सरकार के अनुसार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और उत्तर प्रदेश समेत 12 राज्यों में एक लाख से अधिक कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज चल रहा है।
कोरोना से निपटने के लिए लॉकडाउन के मुद्दे पर अभी भी सरकार की नीति साफ नहीं है। यह पूछने पर कि क्या राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन केसों की वृद्धि को रोकने का एकमात्र उपाय है, नीति आयोग के सदस्य वी. के. पॉल ने कहा, 'यदि कुछ और करने की जरूरत होती है तो इन विकल्पों के बारे में हमेशा चर्चा होती रहती है। कोराना संक्रमण की चेन को रोकने के लिए राज्यों के लिए पहले ही एक गाइडलाइन जारी की जा चुकी है।'