सुसाइड करने वाली मंत्री की बहू का फोन शव के साथ क्यों जलाया?
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार में शालेय शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार की बहू का अंतिम संस्कार कर दिया गया। बड़ी तादाद में मंत्री के समर्थकों की मौजूदगी में कथित तौर पर आनन-फानन में किए गए अंतिम संस्कार और पार्थिव देह के साथ बहू का मोबाइल फ़ोन भी जला दिए जाने को लेकर कई सवाल उठाये जा रहे हैं।
शाजापुर जिले की शुजालपुर तहसील के पोचानेर गांव में रहने वाले मंत्री परमार की बहू सविता परमार (22 वर्ष) ने मंगलवार की शाम फांसी लगाकर जान दे दी थी। सविता एक दिन पहले ही पास के गांव हड़लाय स्थित अपने मायके से ससुराल लौटी थी। अगले दिन शाम को सुसराल पोचानेर में उसका शव फंदे पर झूलता मिला था। घटना के समय मंत्री की पत्नी और अन्य परिजन घर पर थे। सविता का पति और मंत्री परमार का पुत्र देवराज अन्य गांव में एक शादी में गया हुआ था।
पोस्टमार्टम के बाद सविता का शव बुधवार को जब पोचानेर पहुंचा तो चीख-पुकार मच गई। सविता के पिता रो-रोकर बेहोश हो गए। मायके पक्ष के अन्य लोगों का हाल भी बेहाल रहा। सविता के भाई ने चिल्लाना शुरू किया और उसकी बातों से आत्महत्या संदेह का संकेत मिला। उसके चीखते ही मंत्री परमार के रिश्तेदार और समर्थक आगे आ गए। बताया गया कि सभी ने उसे घेर लिया। जबरिया एक तरफ ले गए। मारपीट की नौबत भी बनी। बाद में मृतक सविता की बहनों ने बीच-बचाव कर अपने भाई को खामोश किया।
अंतिम यात्रा की सारी तैयारियां पहले से कर ली गई थीं। कुल पांच मिनट सविता के शव को घर में रखा गया। इसके बाद मंत्री के घर से पचास मीटर दूर स्थित विश्राम घाट पर सविता का अंतिम संस्कार कर दिया गया। सविता को मुखाग्नि भतीजे ने दी। श्मशान घाट पर तनाव का वातावरण रहा। मंत्री के नाते-रिश्तेदार और बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद रहे। मीडिया से मायके पक्ष के लोगों ने बात नहीं की। ना ही परमार के घर के लोग मीडिया के सामने आये।
सविता का पति भी बिलखता रहा। उसे संभालने के लिए मंत्री के परिजनों को भारी मशक्कत करना पड़ी। आरोप है कि सविता के मोबाइल फोन को अस्पताल, मरचुरी और श्मशान घाट में सविता के जेब से नहीं निकालने दिया। मोबाइल सविता की अंत्येष्टि के साथ ही जला दिया गया।
मंत्री परमार ने मीडिया से कहा, ‘उनकी बहू को पेंटिग में रूचि थी। ग्रेजुएट थी। योग में डिप्लोमा कर रही थी। हमारे बेटे से 2019 में उसकी शादी हुई थी। बीते सालों में न तो उसने कभी ससुराल और ना ही मायके वालों को किसी तरह की शिकायत की।’
मंत्री ने बताया, ‘हमने वेयर हाउस स्थापित करने के लिए सविता के नाम से जमीन ली थी। एक करोड़ रुपयों का लोन लेकर उसके नाम से वेयर हाउस बनाया था। हमारे मन में कुछ होता तो हम यह सब क्यों करते? मैं भी चाहता हूं कि इस मामले की अच्छे से जांच हो जाये।’
मंत्री पुत्र देवराज सिक्युरिटी एजेंसी चलाता है। खेती भी वह कर रहा है। मंत्री ने कहा, ‘देवराज की तरफ से भी कोई सविता को लेकर किसी तरह की शिकायत अथवा अनबन की बात सामने नहीं आयी है।’
‘पीएम रिपोर्ट में मौत दम घुटने से’
शुजालपुर सिविल अस्पताल में तीन डॉक्टरों के पैनल (एक महिला डॉक्टर भी शामिल रही) द्वारा किए गए पीएम की रिपोर्ट में सविता की मौत फांसी लगाने से होना बताया गया है। पुलिस ने मर्ग दर्ज किया है और वह मामले की जांच कर रही है। ससुराल और मायके पक्ष के लोगों के बयान पुलिस द्वारा लिये जा रहे हैं।
मंत्री को पद से हटाया जाए: कांग्रेस नेता
मध्य प्रदेश कांग्रेस मंत्री को पद से हटाने की मांग कर रही है। कांग्रेस नेता के.के. मिश्रा का अरोप है, ‘मंत्री पद के दबाव की वजह से मायके पक्ष के लोग सचाई बयां नहीं कर पा रहे हैं। पुलिस भी लीपापोती में जुटी है।’ उन्होंने कहा है, ‘निष्पक्ष जांच मंत्री को पद से हटाये बिना संभव नहीं है।’
मिश्रा ने भी सवाल उठाया, ‘मोबाइल फोन जैसे महत्वपूर्ण साक्ष्य को शव के साथ आखिर क्यों जला दिया गया?’ उन्होंने कहा, ‘साक्ष्य को ख़त्म करने के लिए ऐसा किये जाने का अंदेशा बन गया है रसूख का उपयोग कर संबंधित सेवा वाले ऑपरेटर से सीडीआर भी न मिटवा दिया गया हो, इसकी जांच भी होना ज़रूरी है।’