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हमास मामले में मीनाक्षी लेखी ने कहा मैंने ऐसे किसी कागज पर हस्ताक्षर ही नहीं किया 

हमास मामले में मीनाक्षी लेखी ने कहा मैंने ऐसे किसी कागज पर हस्ताक्षर ही नहीं किया 

केंद्रीय विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने शनिवार को संसद में स्पष्ट किया है कि उन्होंने हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने के सवाल वाले किसी भी कागज पर हस्ताक्षर नहीं किया है। 

हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने की एक कथित फोटो सोशल मीडिया साइट एक्स पर वायरल होने के बाद उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर भी कहा है कि उन्होंने इससे जुड़े किसी कागज पर हस्ताक्षर नहीं किया है। इसके लेकर उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर और पीएमओ इंडिया को भी टैग करते हुए एक ट्वीट किया है।  

नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से सांसद और केंद्रीय मंत्री को लेकर चर्चा थी कि उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा है कि हमास एक आतंकवादी संगठन है। इसको लेकर कुछ लोगों की ओर से एक कागज भी वायरल किया जा रहा था। अब मीनाक्षी लेखी ने इस कागज को गलत और झूठी सूचना बताया है। 

इस कागज को लेकर जब एक यूजर ने पोस्ट किया था तब उन्होंने एक्स पर उसका जवाब देते हुए लिखा है कि आपको गलत जानकारी दी गई है। मैंने इस सवाल और जवाब वाले किसी भी कागज पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। 

शिव सेना उद्धव ठाकरे गुट की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर मीनाक्षी लेखी के स्पष्टीकरण और प्रतिक्रिया पर चिंता जताई है और  लिखा है कि मीनाक्षी लेखी जी उनके द्वारा दी गई प्रतिक्रिया से इनकार कर रही हैं और इसे अलग कर रही हैं। 

उनका कहना है कि उन्हें इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं है कि इसे प्रतिक्रिया के रूप में किसने तैयार किया है।  क्योंकि उन्होंने इस पर हस्ताक्षर नहीं किया। 

प्रियंका चतुवेर्दी ने लिखा है कि क्या वह यह दावा कर रही है कि यह एक फर्जी प्रतिक्रिया है, यदि हां तो यह एक गंभीर और मौजूदा नियमों का उल्लंघन है। उनके स्पष्टीकरण के लिए आभारी रहूंगी। 

प्रश्न में तकनीकी सुधार की आवश्यकता है

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने शनिवार को कहा कि हमास को "आतंकवादी संगठन" घोषित करने पर लोकसभा में पूछे गए किसी भी सवाल का जवाब उन्हें मंजूर नहीं है। इसे ''उल्लंघन'' बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा के समक्ष मामला उठाया है और जांच की मांग की है। 

बाद में, विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि संसद प्रश्न का उत्तर देने वाले राज्य मंत्री के रूप में वी मुरलीधरन को प्रतिबिंबित करने के संदर्भ में प्रश्न में तकनीकी सुधार की आवश्यकता है, और यह किया जा रहा है। मीनाक्षी लेखी और वी मुरलीधरन दोनों विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि अतारांकित प्रश्न संख्या 980, जिसका शीर्षक 'हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करना' था, का सवाल कांग्रेस सांसद कुंभकुडी सुधाकरन द्वारा पूछा गया था। 

शुक्रवार को लोकसभा की वेबसाइट पर अपलोड की गई प्रतिक्रिया में कहा गया था कि किसी संगठन को आतंकवादी घोषित करना गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत आता है और किसी भी संगठन को आतंकवादी घोषित करना संबंधित सरकारी विभागों द्वारा अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार माना जाता है। 

हालांकि मीनाक्षी लेखी ने इस प्रतिक्रिया से इनकार करते हुए कहा है कि मैंने इस प्रश्न और इस उत्तर के साथ किसी भी कागज पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

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