दूसरे राज्यों में फँसे मज़दूरों को अपने गृह राज्य में वापस लौटने देने के संबंध में निर्देश के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि 4 मई से देश के कई ज़िलों में लॉकडाउन में ढील दी जाएगी। गृह मंत्रालय के ताज़ा निर्देशों से साफ़ है कि देश के कई ज़िलों में जहाँ ढील दी जाएगी वहीं कई ज़िलों में लॉकडाउन जारी रहने की संभावना है। हालाँकि इस बारे में साफ़-साफ़ कुछ भी कहा नहीं गया है। 3 मई को लॉकडाउन की मियाद ख़त्म हो रही है। इससे पहले 14 अप्रैल को लॉकडाउन को तीन मई तक के लिए बढ़ा दिया गया था।
लॉकडाउन में ढील देने संबंधी जानकारी गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट कर दी। ट्वीट में प्रवक्ता ने कहा है कि गृह मंत्रालय ने समीक्षा में पाया कि अब तक लॉकडाउन से स्थिति में काफ़ी सुधार आया है। इसमें यह भी कहा गया है कि स्थिति ख़राब नहीं हो इसके लिए 3 मई तक लॉकडाउन के दिशा निर्देशों का सख़्ती से पालन किया जाएगा।
इसके बाद एक अन्य ट्वीट में प्रवक्ता ने कहा कि 4 मई को नये दिशा निर्देश जारी किए जाएँगे जिसमें कई ज़िलों में ढील दी जाएगी। इसमें यह भी कहा गया है कि विस्तृत जानकारी बाद में दी जाएगी।
इससे कुछ देर पहले ही गृह मंत्रालय ने एक अन्य निर्देश जारी किए थे। इसमें इसने कहा है कि जिन आप्रवासी लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण नहीं होंगे वे लॉकडाउन के दौरान भी अपने घर जा सकते हैं। गृह मंत्रालय के इस नये दिशा निर्देश में राज्यों से कहा गया है कि वे अपनी-अपनी नोडल एजेंसी तैयार करें और आप्रवासियों को ले जाने के लिए प्रोटोकॉल तैयार करें। जिस व्यक्ति को एक से दूसरी जगह ले जाया जाएगा उसकी स्क्रीनिंग होगी और कोरोना का कोई भी लक्षण नहीं दिखने पर ही जाने दिया जाएगा। इन आप्रवासियों में मज़दूर, छात्र, पर्यटक, श्रद्धालु सभी आएँगे।
इस आदेश में कहा गया है कि लोगों को लाने ले जाने के लिए बसों को अंतरराज्यीय आवागमन के लिए मंजूरी दी जाएगी। इसके साथ ही साफ़-साफ़ यह भी कहा गया है कि हर ट्रिप के बाद बसों को सैनिटाइज किया जाएगा। अभी तक केंद्र सरकार ने ट्रेन चलाने से इनकार किया है। यानी ऐसे लोगों को बस में ही यात्रा करनी पड़ेगी।
बता दें कि सरकार का यह फ़ैसला ऐसे समय में आया है जब 3 मई तक के लिए लागू लॉकडाउन की अवधि ख़त्म होने वाली है और पंजाब, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों ने कहा है कि वे लॉकडाउन को बढ़ाएँगे। लॉकडाउन के बीच ही उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने तो दूसरे राज्यों में फँसे लोगों को पहले से ही वापस अपने गृह राज्य लाने का कार्य शुरू कर दिया है।