हिमाचल प्रदेश से बीजेपी के सांसद राम स्वरूप शर्मा दिल्ली में अपने आवास पर आज मृत पाए गए। दिल्ली पुलिस को पहली नज़र में यह आत्महत्या का मामला लगता है। हालाँकि घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस ने कहा है कि मौत के वास्तविक कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद चलेगा। वह मामले की जाँच कर रही है।
पुलिस के अनुसार दिल्ली पुलिस को सुबह क़रीब पौने आठ बजे सांसद के सहयोगी ने फोन किया था कि उनके कमरे का दरवाजा बार-बार खटखटाने के बावजूद कोई जवाब नहीं आ रहा था।
पुलिस के अनुसार, जब पुलिस मौक़े पर पहुँची तो कमरा अंदर से बंद था और वह अपने कमरे में पंखे से फाँसी पर झूल रहे थे। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिसवाल ने कहा है कि 62 वर्षीय शर्मा को अस्पताल में ले जाया गया जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
उनके निधन के बाद बीजेपी ने संसदीय पार्टी की बैठक को स्थगित कर दिया है। निधन पर प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, 'श्री राम स्वरूप शर्मा एक समर्पित नेता थे, जो हमेशा लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध थे। उन्होंने समाज की भलाई के लिए अथक प्रयास किया। उनके असामयिक और दुर्भाग्यपूर्ण निधन से पीड़ा हुई। इस दुख की घड़ी में मेरे विचार उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति।'
शर्मा दो बार के सांसद थे। वह 2014 और 2019 में मंडी संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए थे। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि वह पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे।
एक सांसद डेलकर मुंबई में मिले थे मृत
एक महीने पहले केंद्र शासित प्रदेश दादर एवं नागर हवेली के सांसद मोहन डेलकर मुंबई के एक होटल में मृत पाए गए थे। बाद में कहा गया कि उन्होंने आत्महत्या की थी। पुलिस ने कहा था कि उन्होंने कथित तौर पर सुसाइड नोट छोड़ा था। चार पेज के उस कथित सुसाइड नोट में डेलकर ने कई वरिष्ठ नेताओं सहित कई लोगों पर आत्महत्या जैसे क़दम उठाने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था। इस मामले में काफ़ी राजनीतिक विवाद हुआ है।
कांग्रेस के नेताओं ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए मोहन डेलकर आत्महत्या मामले में बीजेपी के बड़े नेता एवं दादरा नगर हवेली के प्रशासक प्रफुल पटेल पर कार्रवाई करने की मांग की थी। देशमुख ने कांग्रेस के इन नेताओं को आश्वासन दिया कि मोहन डेलकर मामले की जाँच तेजी से कराई जाएगी और इस मामले से जुड़े किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। बता दें कि उनके सुसाइड नोट में कथित तौर पर इनका नाम सामने आया था।