स्टैंड-अप कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव को 10 अगस्त को जिम में कसरत के दौरान दिल का दौरा पड़ा था। तब से वह अस्पताल में भर्ती थे। एक महीने से भी ज़्यादा समय तक वह अस्पताल में ज़िंदगी से जूझते रहे। लेकिन आख़िरकार वह ज़िंदगी की जंग हार गए।
उनको इस तरह अचानक दिल का दौरा पड़ने पर लोग हैरान हैं। ऐसा इसलिए कि उनका स्वास्थ्य आम तौर पर गड़बड़ नहीं रहता था। वह इतने चुस्त-दुरुस्त थे कि जिम में अच्छी खासी कसरत करते थे। राजू श्रीवास्तव ट्रेडमिल पर कसरत कर रहे थे तभी उन्हें सीने में दर्द हुआ और वे गिर पड़े। उन्हें उनके ट्रेनर द्वारा एम्स दिल्ली लाया गया था। राजू श्रीवास्तव 58 साल के थे। एक समय कॉमेडी की दुनिया में राज करने वाले राजू श्रीवास्तव देश के सबसे सफल स्टैंड-अप कॉमेडियन में से एक थे। वह टेलीविजन पर बेहद लोकप्रिय थे। राजू श्रीवास्तव कॉमेडी के साथ-साथ राजनीति में भी सक्रिय थे। वह बीजेपी नेता और उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के चेयरमैन थे।
अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान कई बार ऐसी ख़बरें आई थीं कि उनकी हालत में सुधार हुआ है। पांच सितंबर को राजू श्रीवास्तव के मुख्य सलाहकार अजीत सक्सेना ने कहा था कि कॉमेडियन के स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार हुआ है। अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा था कि राजू के हाथों और पैरों में कुछ हलचल हुई, राजू ने अपनी पत्नी शिखा श्रीवास्तव से भी बातचीत की।
दिल का दौरा पड़ने पर यह सवाल उठा कि क्या उनको स्वास्थ्य संबंधी कुछ दूसरी शिकायतें थीं? रिपोर्ट के अनुसार राजू श्रीवास्तव के क़रीबी पारिवारिक मित्र डॉ. अनिल मोरारका ने कहा था कि 'राजू जी को कुछ दिन पहले संक्रमण हुआ था, लेकिन वह कुछ समय में ठीक हो गए थे। उन्हें बुखार हो गया था'।
बहरहाल, राजू श्रीवास्तव को हार्ट अटैक की घटना ने एक बार फिर से जिम में कसरत के तौर-तरीकों पर सवाल उठाए हैं। वैसे, यह कोई पहला या अकेला मामला नहीं है। जिम में कसरत करने वाले या कसरत के दौरान ही चुस्त-तंदुरुस्त लोगों को हार्ट अटैक आने के कई मामले आ चुके हैं। हाल ही में कन्नड़ फिल्म अभिनेता पुनीत राजकुमार, बिग बॉस 13 सीजन के विजेता सिद्धार्थ शुक्ला, ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर शेन वार्न जैसी शख्सियतों की हार्ट अटैक से निधन की ख़बरें आई हैं।
तो आख़िर ऐसी घटनाओं में बढ़ोतरी क्यों हो रही है? क्या जिम में कसरत करने का सही तरीका नहीं अपनाया जा रहा है या फिर खास तरह की समस्या वाले लोगों को ऐसी दिक्कतें आ रही हैं?
वैसे कहा तो जाता है कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कसरत ज़रूरी है और आज की भागदौड़ वाली ज़िंदगी में जिम उस कसरत के लिए सबसे उपयुक्त है। लेकिन यदि आप भी स्वस्थ रहने या बॉडी बनाने के चक्कर में घंटों जिम में बिताते हैं तो समझिए आप अपने लिए नया जोखिम उठा रहे हैं। जिम में कसरत करने के लिए कुछ कायदों का पालन करना ज़रूरी होता है।
कड़ी कसरत के क्या हैं ख़तरे?
हाल में ऐसी रिपोर्टें आती रही हैं कि जिम में कड़ी कसरत करने से कुछ लोगों को कई तरह की दिक्कतें आई हैं। कई बार हार्ट अटैक के मामले भी आते रहे हैं। इसको लेकर जानकार सचेत करते रहे हैं। इसको लेकर कई बार सचेत किया गया है कि कई बार अनफिट लोग जिम में ज़्यादा पसीना बहाने के चक्कर में कसरत की सीमाओं को लांघ जाते हैं। शारीरिक क्षमताओं की अनदेखी कर कसरत करना कई बार भारी पड़ जाता है।
कहा जाता है कि कई बार गंभीर बीमारियों से पहले शरीर में इसके संकेत मिलने लगते हैं। ऐसे में शरीर में बदलाव को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। कई रिपोर्टों में कहा गया है कि जिन लोगों को अचानक हार्ट अटैक आता है, उनमें भी ज्यादातर लोग शरीर के संकेतों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। ऐसे मामलों में सलाह दी जाती है कि साँस में तकलीफ होने, सीने में दर्द या ज़्यादा थकान महसूस होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, अत्यधिक कसरत से अचानक कार्डियक अरेस्ट या अचानक कार्डियक डेथ का ख़तरा बढ़ सकता है।
कड़ी कसरत करने वाले लोगों में अचानक हृदय गति रुकने का ख़तरा बढ़ सकता है। बता दें कि ऐसी रिपोर्टें आई थीं कि अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला को भी डॉक्टर ने ऐसी कड़ी क़सरत करने से मना किया था, इसके बावजूद सिद्धार्थ हर रोज़ 3-4 घंटे कसरत करते थे।
अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार, वडोदरा स्थित वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विकास आनंद पटेल का कहना है कि जिन लोगों को पहले से ही हृदय से संबंधित किसी प्रकार की समस्या होती है, ऐसे लोगों में वर्कआउट के दौरान अधिक तीव्रता वाले अभ्यास यानी कड़ी कसरत करने के कारण दिल पर दबाव बढ़ने का खतरा हो सकता है, जो गंभीर स्थितियों में हार्ट अटैक का कारण बन सकती है। वह कहते हैं कि ज्यादातर रिपोर्टों को देखें तो पता चलता है कि इसके लिए सेलेब्रिटीज की गड़बड़ लाइफस्टाइल को प्रमुख कारण माना जा सकता है। देर रात तक जगना, खान-पान का कोई तय समय न होना और सोने-जागने का समय सही न होना, भी ऐसी समस्याओं को बढ़ाते हैं।