हरियाणा के नूंह में अभी भी हालात पूरी तरह से सुधरे नहीं हैं। इसको देखते हुए यहां इंटरनेट पर प्रतिबंध को 11 अगस्त की रात 12 बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया है। राज्य के अतिरिक्त गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने मंगलवार को इसको लेकर आदेश जारी किए हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक पहले इंटरनेट पर प्रतिबंध 8 अगस्त तक के लिए ही था। आदेश के मुताबिक नूंह में अभी भी सोशल मीडिया के जरिए अफवाहें फैलाकर कानून व्यवस्था भंग होने का खतरा है। इसको देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है।
वहीं बुधवार को भाजपा के नेता नूंह का दौरा करेंगे। हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ की अगुआई में उनका एक प्रतिनिधिमंडल नूंह जाएगा। प्रतिनिधिमंडल वहां मौजूदा हालात का जायजा लेगा।
उनके साथ प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल, विधायक एवं प्रदेश महामंत्री मोहन लाल बडौली, विधायक संजय सिंह और प्रदेश मंत्री समय सिंह भाटी भी इस प्रतिनिधिमंडल में होंगे। इससे पहले नूंह पुलिस ने कांग्रेस, सीपीआई और आरएलडी के प्रतिनिधिमंडल को जिले में नहीं जाने दिया।
अब देखना है कि क्या पुलिस भाजपा नेताओं को नूंह जाने देगी या इन्हें भी वापस लौटा देगी। कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को मंगलवार को नूंह से सटे पलवल बॉर्डर से वापस लौटा दिया गया था।
नूंह हिंसा की गिरी गाज, अब डीएसपी को हटाया गया
31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा की गाज अफसरों पर गिरने का सिलसिला बरकरार है। मंगलवार को राज्य सरकार ने यहां के डीएसपी जयप्रकाश को हटा दिया है। उनकी जगह भिवानी से मुकेश कुमार को भेजा गया है। वह डीएसपी तावड़ू का जिम्मा संभालेंगे। हिंसा के बाद राज्य सरकार ने नूंह के SP वरूण सिंगला को हटा दिया था। उनकी जगह पर पहले नूंह में रह चुके नरेंद्र बिजारणिया को भेजा गया है।सरकार ने नूंह के उपायुक्त प्रशांत पंवार को भी हटा दिया था। उनकी जगह पर धीरेंद्र खड़गटा को भेजा गया। नरेंद्र बिजारणिया और धीरेंद्र खड़गटा, दोनों अधिकारी पहले नूंह में तैनात रह चुके हैं। दोनों के अनुभव और बेहतर रिकॉर्ड को देखते हुए नूंह में उन्हें भेजा गया है। पुलिस प्र्शासन ने हिंसा के आरोपियों की पहचान और उन्हें पकड़ने के लिए पूरे जिले में अभियान शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं।
हिंसा के बाद नूंह में खूब चला था बुल्डोजर
31 जुलाई की घटना के बाद नूंह में हिंसा के आरोपियों या संदिग्धों के घर, दुकान आदि पर खूब बुल्डोजर चल चुका है। सोमवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। इससे पहले रविवार तक कथित आरोपियों द्वारा किए गए अवैध अतिक्रमण का विध्वंस किया गया।स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया था कि तोड़फोड़ से पहले उन्हें प्रशासन द्वारा कोई नोटिस नहीं दिया गया था। समाचार चैनल आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक नूंह में करीब 37 जगहों पर 57.5 एकड़ जमीन से अवैध निर्माण हटाए गए हैं। हाईकोर्ट की रोक से पहले तक नूंह में 162 स्थाई और 591 अस्थाई निर्माण गिराए जा चुके थे। नूंह के पुन्हाना, पिंगनवा, नगीना, टौरू और फिरोजपुर झिरका में प्रशासन की अलग-अलग टीमों ने अर्धसैनिक बल और पुलिस के साथ पहुंचकर अतिक्रमण हटाया था।