हिंसा की आग अब गुरुग्राम पहुंच चुकी है। पुलिस ने कहा है कि मंगलवार तड़के कथित तौर पर 70-80 लोगों की भीड़ ने गुड़गांव के एक धर्म स्थल में आग लगा दी और एक धर्मगुरु की हत्या कर दी।
गुरुग्राम में यह हिंसा तब हुई है जब कुछ घंटे पहले ही नूंह में विहिप और बजरंग दल की शोभायात्रा के दौरान झड़प हुई और हिंसा हुई। नूंह में दो होम गार्ड सहित तीन लोगों की मौत हो गई है। इस घटना के बाद इंटरनेट को निलंबित कर दिया गया है और बड़े पैमाने पर पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है।
बहरहाल, इसी बीच गुरुग्राम में हिंसा की ख़बर आई है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार गुरुग्राम में डीसीपी (ईस्ट) नितीश अग्रवाल ने कहा है कि सोमवार रात सेक्टर 57 स्थित.... (धर्म स्थल में) आग लगा दी गई। उन्होंने कहा, 'हमने कुछ आरोपियों की पहचान कर ली है और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।'
रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा है कि घटना के दौरान आरोपियों ने गोलीबारी भी की। अधिकारी ने कहा, ' (एक धर्म गुरु) ... और एक अन्य व्यक्ति बुरी तरह घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। धर्मगुरु को कथित तौर पर चाकू से गोदा गया था।'
धर्मगुरु की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई, जबकि घटनास्थल पर गोलियां भी चलीं। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार ये सब तब हुआ, जब धर्म स्थल के बाहर पुलिस तैनात थी। रिपोर्ट में एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से कहा गया है वह इस धर्म स्थल में केयर टेकर का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि जब ये पूरी वारदात हुई उस समय वह सो रहे थे, एक दम से शोर मचा तो वह डर के मारे छुप गये थे।
रिपोर्ट के अनुसार वह धर्म स्थल निर्माणाधीन है। इसमें कुल 5 लोग मौजूद थे, जिसमें से दो पर हमला किया गया और बाकियों ने इधर उधर छुप कर अपनी जान बचाई। हिंदी अख़बार ने इजहार के हवाले से कहा है कि जब ये वारदात हुई तब मौक़े पर 4 से 5 पुलिस कर्मी धर्म स्थल के बाहर पहरा दे रहे थे।
इधर इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस आयुक्त कला रामचंद्रन ने कहा, 'आज सुबह लगभग 12:10 बजे पीएस सेक्टर 56 जीजीएम के क्षेत्र में सेक्टर 57 में (धर्म स्थल पर) लोगों के एक समूह ने हमला कर दिया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया। दमकल की गाड़ियों ने आग बुझाई। पुलिस ने हमलावरों की पहचान कर ली है और रात भर की गई छापेमारी के बाद कई हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूजा स्थलों के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पुलिस और प्रशासन शांति सुनिश्चित करने के लिए दोनों समुदायों के प्रमुख सदस्यों के साथ बैठकें कर रहा है।'