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हरियाणा विधानसभा चुनावः भाजपा के दबाव पर तारीख बदली, अब 5 अक्टूबर को मतदान, 8 को नतीजे

हरियाणा विधानसभा चुनावः भाजपा के दबाव पर तारीख बदली, अब 5 अक्टूबर को मतदान, 8 को नतीजे

हरियाणा विधानसभा में चुनाव की तारीख बदल गई है। अब 5 अक्टूबर को मतदान होगा और 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। भाजपा ने चुनाव आगे सरकाने की मांग की थी। समझा जाता है कि भाजपा के दबाव पर आयोग ने तारीखों में बदलाव किया है। 

चुनाव आयोग ने शनिवार को हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख 5 अक्टूबर तक के लिए टाल दी। हरियाणा में पहले 1 अक्टूबर को मतदान की घोषणा की गई थी और नतीजे 4 अक्टूबर को आने थे। लेकिन जम्मू-कश्मीर चुनाव के तीसरे चरण के लिए 1 अक्टूबर को होने वाले मतदान की तारीख में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अब जम्मू-कश्मीर और हरियाणा दोनों के लिए चुनाव परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। पहले जम्मू कश्मीर के नतीजे 4 अक्टूबर को आने वाले थे।

केंद्रीय चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा कि ''राष्ट्रीय राजनीतिक दलों, राज्य के राजनीतिक दल और अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा से ज्ञापन प्राप्त हुआ है। सदियों पुराने आसोज अमावस्या उत्सव में भाग लेने के लिए हरियाणा के बिश्नोई समुदाय के लोग राजस्थान में बड़े पैमाने पर जाते हैं। इसलिए तारीखों में बदलाव किया गया है।"

चुनाव आयोग की अधिसूचना में कहा गया है, "1 अक्टूबर को मतदान होने से बड़ी संख्या में लोग मतदान से वंचित हो सकते थे। हरियाणा विधान सभा के आम चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी कम हो सकती है।" 24 अगस्त को, हरियाणा बीजेपी की राज्य चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्य वरिंदर गर्ग ने कहा था, ''हमने तर्क दिया है कि 1 अक्टूबर (मंगलवार) की विधानसभा चुनाव की तारीख सप्ताहांत से पहले है और उसके बाद अधिक छुट्टियां हैं, जिससे मतदान प्रतिशत प्रभावित हो सकता है क्योंकि लोगों का रुझान लंबे सप्ताहांत पर छुट्टियों पर जाने के लिए होता है।"

भाजपा की तारीख बढ़ाने की मांग को लेकर विपक्ष ने काफी आलोचना की थी। विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस कदम की आलोचना की थी। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि पार्टी के रुख से पता चलता है कि उसने पहले ही हार स्वीकार कर ली है।

हुड्डा ने कहा था- "चुनाव चुनाव आयोग द्वारा तय की गई तारीख के अनुसार होने चाहिए...हरियाणा के लोग भाजपा सरकार को एक दिन के लिए भी सत्ता में नहीं देखना चाहते।"

आप की हरियाणा इकाई ने कहा कि चुनाव होने से पहले ही सत्तारूढ़ भाजपा ने बहाने ढूंढना शुरू कर दिया था क्योंकि उसे चुनाव में अपनी हार का एहसास हो गया था।

भाजपा हरियाणा में लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने की कोशिश में है जबकि कांग्रेस सत्तारूढ़ दल से सत्ता छीनने की कोशिश कर रही है। 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के 10 विधायकों के समर्थन से बन पाई थी। क्योंकि भाजपा अपने दम पर सरकार बनाने में सक्षम नहीं थी। लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने जेजेपी से गठबंधन तोड़ लिया। लोकसभा चुनाव 2024 में राज्य की 10 लोकसभा सीटों में से पांच कांग्रेस को और पांच भाजपा को मिली थी। जेजेपी और इनेलो का खाता ही नहीं खुला था। 

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