इज़राइल पर हमास का यह हमला अचानक नहीं था। दो साल से इसकी तैयारी चल रही थी। यह बेहद ही गुप्त अभियान था। इतना गुप्त कि हमले से पहले तक कुछ लोगों को छोड़कर हमास में भी इसके बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं थी। दो लोगों ने योजना बनाई। एक मास्टरमाइंड था। इज़राइल को इसकी भनक तक नहीं लगी और उसके ही सैनिकों के सामने हमास के लड़ाकों को इस अभियान के लिए ट्रेनिंग दी गई। ऐसा दावा हमास के ही सूत्रों ने किया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यात न्यूज़ एजेंसी रायटर्स ने सूत्रों के हवाले से यह ख़बर दी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हमले के पीछे का गुप्त मास्टरमाइंड हमास का प्रमुख मोहम्मद दाइफ़ है। शनिवार को हमास द्वारा ग़ज़ा पट्टी से हजारों रॉकेट दागे जाने के दौरान प्रसारित एक ऑडियो टेप में दाइफ़ ने इसे अल अक्सा फ्लड कहा। इससे यह संकेत देने की कोशिश की गई कि यह हमला यरूशलम की अल अक्सा मस्जिद पर इजराइली छापे का बदला था। बता दें कि मई 2021 में इस्लाम के तीसरे सबसे पवित्र स्थल अल अक्सा मस्जिद पर इज़राइल ने छापे मारे थे। इस कार्रवाई ने अरब और मुस्लिम दुनिया को नाराज कर दिया था। कहा गया कि 'इजराइल द्वारा रमज़ान के दौरान अल अक्सा मस्जिद पर हमला करने, नमाजियों को पीटने, उन पर हमला करने, बुजुर्गों और युवाओं को मस्जिद से बाहर खींचने के फुटेज से गुस्सा भड़का।' दाइफ़ ने रिकॉर्डिंग में कहा कि आज अल अक्सा का गुस्सा, हमारे लोगों और राष्ट्र का गुस्सा फूट रहा है।
रायटर्स ने ख़बर दी है कि ग़ज़ा में हमास के एक करीबी सूत्र ने कहा कि मई 2021 में उस छापे के बाद ही मोहम्मद दाइफ़ ने इस ऑपरेशन की योजना बनाना शुरू कर दिया था जिसमें इज़राइल में 1,200 से अधिक लोग मारे गए। एक इजराइली सुरक्षा सूत्र ने कहा कि दाइफ़ हमले की योजना और परिचालन पहलुओं में सीधे तौर पर शामिल था। एजेंसी ने फिलिस्तीनी सूत्रों के हवाले से कहा है कि ग़ज़ा में रात भर इजराइली हवाई हमलों में जिन घरों पर हमला किया गया उनमें से एक दाइफ़ के पिता का था। सूत्रों के मुताबिक, हमले में दाइफ़ के भाई और परिवार के दो अन्य सदस्य मारे गए।
दाइफ़ के ठिकाने की जानकारी अज्ञात है। हमास के करीबी सूत्र के हवाले से एजेंसी ने रिपोर्ट दी है कि हमले की तैयारी का निर्णय ग़ज़ा में हमास के नेता येह्या सिनवार के साथ हमास के अल क़सम ब्रिगेड की कमान संभालने वाले दाइफ़ ने संयुक्त रूप से लिया था। सूत्र ने कहा, 'दो दिमाग हैं, लेकिन मास्टरमाइंड एक है।' उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के बारे में जानकारी केवल मुट्ठी भर हमास नेताओं को ही थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि गोपनीयता ऐसी थी कि इज़राइल का कट्टर दुश्मन और हमास को पैसा, प्रशिक्षण और हथियार देने वाले ईरान को भी ज़्यादा जानकारी नहीं थी। ईरान सिर्फ़ इतना ही जानता था कि हमास एक बड़े ऑपरेशन की योजना बना रहा था। उसे हमले के समय या अभियान के बारे में अन्य जानकारी नहीं थी।
रिपोर्ट के अनुसार सूत्र ने कहा कि हालाँकि तेहरान को पता था कि एक बड़े ऑपरेशन की तैयारी की जा रही है, लेकिन हमास, फिलिस्तीनी नेतृत्व, ईरानी समर्थित लेबनानी आतंकवादी हिजबुल्लाह और ईरान से जुड़े किसी भी संयुक्त ऑपरेशन रूम में इस पर चर्चा नहीं की गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दाइफ़ द्वारा बनाई गई योजना में छलावा का प्रयास शामिल था। इज़राइल को यह विश्वास दिलाया गया कि हमास संघर्ष शुरू करने में दिलचस्पी नहीं रखता था और इसके बजाय ग़ज़ा में आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा था। रायटर्स ने हमास के क़रीबी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि जब इज़राइल ने गज़ा के श्रमिकों को आर्थिक प्रोत्साहन देना शुरू किया, तो समूह के लड़ाकों को प्रशिक्षित और ड्रिल किया जा रहा था, अक्सर इज़राइली सेना के सामने ही।
कौन है दाइफ़?
1948 के अरब-इजराइल युद्ध के बाद स्थापित खान यूनिस शरणार्थी शिविर में 1965 में मोहम्मद मसरी के रूप में दाइफ़ का जन्म हुआ था। वह 1987 में शुरू हुए पहले इंतिफादा या फिलिस्तीनी विद्रोह के दौरान हमास में शामिल होने के बाद मोहम्मद दाइफ़ के रूप में जाना जाने लगा। हमास के एक सूत्र ने कहा कि उसे 1989 में इज़राइल द्वारा गिरफ्तार किया गया था और वह लगभग 16 महीने हिरासत में रहा था।
दाइफ़ ने ग़ज़ा में इस्लामिक विश्वविद्यालय से विज्ञान में डिग्री हासिल की जहां उसने भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान का अध्ययन किया। हमास में आगे बढ़ते हुए दाइफ़ ने समूह के सुरंगों के नेटवर्क और बम बनाने की विशेषज्ञता विकसित की। हमास के सूत्रों ने कहा कि इजराइल द्वारा हत्या के एक प्रयास में दाइफ़ की एक आंख चली गई और एक पैर में गंभीर चोटें आईं। उसकी पत्नी, 7 महीने का बेटा और 3 साल की बेटी 2014 में इजराइली हवाई हमले में मारे गए थे।
हमास के करीबी सूत्र ने कहा कि वह स्मार्ट फोन जैसी आधुनिक डिजिटल तकनीक का उपयोग नहीं करता है। बहरहाल, वह साये में ही काम करता है। इज़राइल पर हमले के दिन भी जो रिकॉर्डिंग जारी की गई उसमें भी दाइफ़ का साया भर दिखता है। उसने अपनी रिकॉर्डिंग में कहा है कि हमास ने बार-बार इजराइल को फिलिस्तीनियों के खिलाफ अपने अपराधों को रोकने, कैदियों को रिहा करने व अत्याचार रोकने, और फिलिस्तीनी भूमि के उसके कब्जे को रोकने की चेतावनी दी।
बता दें कि लगभग एक वर्ष से अधिक समय से वहाँ उथल-पुथल मची हुई है। लगभग 100 किमी लंबा और 50 किमी चौड़े इस क्षेत्र को 1967 में इज़राइल द्वारा जब्त किए जाने के बाद से यह इजराइल-फिलिस्तीनी संघर्ष का केंद्र रहा है।