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पंजाब के चुनाव में उतरेंगे चढ़ूनी, बनाई संयुक्त संघर्ष पार्टी

पंजाब के चुनाव में उतरेंगे चढ़ूनी, बनाई संयुक्त संघर्ष पार्टी

लंबे वक़्त से इस बात की अटकलें लगाई जा रही थीं कि चढ़ूनी देर-सबेर पंजाब की सियासत में उतरेंगे। 

किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने अपने राजनीतिक दल का एलान कर दिया है। उन्होंने पार्टी का नाम संयुक्त संघर्ष पार्टी रखा है। इस मौक़े पर चढ़ूनी ने कहा कि उनकी पार्टी की योजना पंजाब की सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ने की है लेकिन वह पंजाब में चुनाव नहीं लड़ेंगे। 

लंबे वक़्त से इस बात की अटकलें लगाई जा रही थीं कि चढ़ूनी देर-सबेर पंजाब की सियासत में उतरेंगे। आंदोलन के दौरान जब उन्होंने पंजाब में चुनाव लड़ने की बात कही थी तो उन्हें कुछ दिन के लिए संयुक्त किसान मोर्चा से निलंबित कर दिया गया था। 

चढ़ूनी किसान आंदोलन के दौरान अपने जोरदार भाषणों से चर्चित हुए थे। वे मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं। 

किसान आंदोलन के स्थगित होने के बाद से यह सवाल चौतरफ़ा पूछा जा रहा था कि क्या किसान नेता अब जनता की सियासत में उतरेंगे। चढ़ूनी ने इस सवाल का जवाब दे दिया है। बाक़ी कुछ किसान नेता भी इस संबंध में जल्द फ़ैसला ले सकते हैं। 

चुनाव लड़ चुके हैं चढ़ूनी

हरियाणा के कुरूक्षेत्र जिले के बाशिंदे चढ़ूनी पिछले दो दशक से किसान राजनीति में सक्रिय हैं और यमुना नगर, कैथल, अंबाला सहित कुछ और जिलों में उनका असर भी है। अच्छी हिंदी और पंजाबी बोलने वाले चढ़ूनी ने 2019 में लाडवा सीट से विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था। चढ़ूनी की पत्नी बलविंदर कौर 2014 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं। तब चढ़ूनी ने ख़ुद टिकट मांगा था लेकिन पार्टी ने उनकी पत्नी को मैदान में उतारा था।

इस साल की शुरुआत में चढ़ूनी की ओर से दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और उदित राज भी शामिल हुए थे। तब संयुक्त किसान मोर्चा ने इस पर नाराज़गी जताई थी।

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राजेवाल को लेकर चर्चा 

पंजाब में किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल को लेकर भी जोरदार चर्चा है कि वे आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के चेहरे होंगे। हालांकि राजेवाल ने कहा है कि यह सिर्फ़ चर्चा ही है और वे राजनीति में नहीं उतरेंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि कुछ भी हो सकता है। 

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पंजाब के संगठन एकराय नहीं

चुनाव लड़ने को लेकर किसान संगठन भी एकराय नहीं हैं। कुछ संगठन चुनावी राजनीति में उतरने से पूरी तरह इनकार करते हैं जबकि कुछ का कहना है कि उन्होंने इस बारे में अभी कोई फ़ैसला नहीं लिया है। 

संयुक्त किसान मोर्चा ने साफ कहा है कि मोर्चे का कोई भी सदस्य चुनावी राजनीति में नहीं उतरेगा।

चुनाव नहीं लड़ेंगे: टिकैत 

किसान नेताओं के चुनाव लड़ने की चर्चा बीते दिनों में एक बार फिर तब तेज़ हुई जब राष्ट्रीय लोकदल और समाजवादी पार्टी के एक पोस्टर में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाले किसान नेता राकेश टिकैत की फ़ोटो लगी हुई दिखी। इसके बाद राकेश टिकैत ने इस मामले में एक बार फिर अपना रूख़ साफ किया। टिकैत ने एएनआई से कहा है हम लोग चुनाव नहीं लड़ेंगे और उनके फ़ोटो का कोई भी राजनीतिक दल इस्तेमाल न करे। 

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