गुजरात: थम गया पहले चरण का प्रचार, 1 दिसंबर को होगी वोटिंग

05:36 pm Nov 29, 2022 | सत्य ब्यूरो

गुजरात में पहले चरण का चुनाव प्रचार थम गया है। पहले चरण के लिए 89 सीटों पर 1 दिसंबर को मतदान होगा। चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने पूरी ताकत झोंकी। बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा सहित कई नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा तो आम आदमी पार्टी की तरफ से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मोर्चा संभाला। 

कांग्रेस के लिए राहुल गांधी ने 1 दिन चुनाव प्रचार किया और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कुछ जगहों पर चुनावी जनसभा को संबोधित किया। 

दूसरे चरण के लिए 5 दिसंबर को मतदान होगा और इस दिन 93 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे। 

यह हैं प्रमुख उम्मीदवार

पहले चरण के प्रमुख उम्मीदवारों में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार इसुदान गढ़वी,  गुजरात के पूर्व मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी, छह बार के विधायक कुंवरजी बावलिया, कांतिलाल अमृतिया, क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रीवाबा जडेजा और गुजरात आप के अध्यक्ष गोपाल इटालिया प्रमुख उम्मीदवारों में शामिल हैं। 

इन जिलों में होगा मतदान

पहले चरण में कच्छ, सुरेंद्र नगर, जामनगर, द्वारका, पोरबंदर, जूनागढ़, नवसारी, वलसाड, भरूच, सूरत, तापी, डांग, अमरेली, भावनगर, बोटाद, नर्मदा, गिर सोमनाथ की सीटों पर मतदान होगा। 

2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 2012 के प्रदर्शन में जबरदस्त सुधार किया था। 2012 में कांग्रेस को जहां 61 सीटें मिली थी वहीं 2017 में यह आंकड़ा 77 हो गया था, दूसरी ओर बीजेपी 2012 में मिली 115 सीटों के मुक़ाबले 2017 में 99 सीटों पर आ गयी थी। लेकिन उसके बाद से कांग्रेस के 17 विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं। 

बीजेपी ने कहा है कि अगर वह सत्ता में आई तो भूपेंद्र पटेल ही अगले मुख्यमंत्री होंगे। बताना होगा कि सितंबर, 2021 में बीजेपी ने विजय रुपाणी को मुख्यमंत्री पद से हटाया था और भूपेंद्र पटेल को कुर्सी सौंपी थी। जबकि कांग्रेस ने अभी तक इस बारे में कोई ऐलान नहीं किया है। 

अरविंद केजरीवाल ने कुछ दिन पहले दावा किया था कि गुजरात में आम आदमी पार्टी सरकार बनाने जा रही है। उन्होंने इसके पीछे आईबी की एक रिपोर्ट का हवाला दिया था। 

त्रिकोणीय मुक़ाबला?

गुजरात में चुनावी लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होती रही है। 182 सीटों वाली गुजरात की विधानसभा में मुश्किल से पांच-छह सीटों को छोड़कर बाकी सीटें इन्हीं दो राजनीतिक दलों की झोली में जाती हैं। लेकिन इस बार कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के चुनाव मैदान में आने के बाद मुक़ाबला त्रिकोणीय हो गया है। 

क्या बीजेपी को टक्कर दे रही है आप?

गुजरात में बीजेपी साल 1995 से लगातार सत्ता में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जैसे पार्टी के बड़े और ताकतवर नेता इसी राज्य से आते हैं। पिछले दिनों गुजरात में हुई चुनावी सभाओं में जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्बन नक्सल कहकर अपने राजनीतिक विरोधियों पर हमला बोला है, उससे ऐसा जरूर लगता है कि बीजेपी को आम आदमी पार्टी के द्वारा उसके वोटों में सेंध लगने का डर है। 

हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि बीजेपी का गुजरात में बीजेपी का सीधा मुकाबला कांग्रेस से ही है। 

यह भी कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी विपक्ष को मिलने वाले वोटों में बड़ी सेंध लगा सकती है। अगर ऐसा हुआ तो इससे कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। हार्दिक पटेल के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने की वजह से भी पार्टी को सौराष्ट्र और पटेल समुदाय की घनी आबादी वाले इलाकों में नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम भी मुस्लिम बहुल सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उन इलाकों में कांग्रेस को मिलने वाले वाले वोट बंट सकते हैं। 

2017 के विधानसभा चुनाव में ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर और हार्दिक पटेल भी कांग्रेस के साथ थे लेकिन इस बार यह दोनों नेता कांग्रेस के साथ नहीं हैं। देखना होगा कि क्या बीजेपी गुजरात की सत्ता में फिर वापसी करेगी या फिर कांग्रेस उसे सत्ता से हटा देगी। आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन पर भी राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें लगी हुई हैं।