राहुल गांधी ने संसद में जो कहा, उसका सबूत दक्षिणपंथी समूहों ने संसद के बाहर कांग्रेस के कार्यालय पर हिंसा से दे दिया? हिंसा और नफ़रत पर संसद में राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान के बाद उनका विरोध शुरू हो गया और गुजरात में कांग्रेस के कार्यालय में कथित तौर पर तोड़फोड़ की गई।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सोमवार देर रात अहमदाबाद में राजीव गांधी भवन स्थित कांग्रेस कार्यालय में वीएचपी, बजरंग दल जैसे संगठनों के कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की। राहुल गांधी का यह विरोध इसलिए हो रहा है कि उन्होंने संसद में सोमवार को आरोप लगाया था कि बीजेपी और संघ हिंसा और नफ़रत फैलाते हैं। इसको बीजेपी और खुद पीएम मोदी ने कहा था कि राहुल हिंदुओं को हिंसक होने का आरोप लगाकर पूरे हिंदू समाज का अपमान कर कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने बीजेपी पर हमला किया और कहा कि वह नफरत और हिंसा को बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा, 'जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं वे केवल हिंसा, नफरत और झूठ के बारे में बात करते हैं'। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल के भाषण को बीच में रोकते हुए कहा कि पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक बताना एक गंभीर मामला है। हालाँकि इसके बाद राहुल और आक्रामक हो गए और कहा कि 'मोदी जी पूरा हिंदू समाज नहीं हैं, बीजेपी पूरा हिंदू समाज नहीं, आरएसएस पूरा हिंदू समाज नहीं है...।'
संसद में इसी बयान को लेकर बीजेपी ने राहुल गांधी और कांग्रेस को हिंदू समुदाय विरोधी बताने की कोशिश की। इसको लेकर ही कई जगहों पर कांग्रेस का विरोध किया गया। कांग्रेस नेता और पार्टी प्रवक्ता हेमंग रावल ने एएनआई से कहा कि बीजेपी, बजरंग दल और वीएचपी से जुड़े लोगों ने देर रात अहमदाबाद में कांग्रेस कार्यालय पर पथराव किया। उन्होंने कहा कि यह हमला राहुल गांधी द्वारा संसद में की गई हिंदुओं पर टिप्पणी के विरोध में किया गया।
सोशल मीडिया पर वीडियो साझा कर कहा गया है कि राहुल गांधी के बयान के बाद गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई।
राहुल गांधी के बयान पर मंगलवार को भी विवाद जारी रहा। राहुल गांधी के भाषण के कुछ अंश संसद की कार्यवाही से निकाल दिए गए। इस पर राहुल गांधी ने कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधा और कहा कि 'मोदी जी की दुनिया में सच्चाई एक्सपंज हो सकती है, लेकिन असलियत में सच्चाई एक्सपंज नहीं हो सकती है।'
लोकसभा में अपना पहला भाषण देने के एक दिन बाद विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल मंगलवार को अपने भाषण के अंश को एक्सपंज किए जाने यानी संसद की कार्यवाही से हटाए जाने पर बीजेपी पर हमला किया।
राहुल गांधी सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए बेहद आक्रामक नज़र आए थे। उन्होंने अपने भाषण में ऐसा तीखा हमला किया कि प्रधानमंत्री मोदी से लेकर शिवराज सिंह चौहान तक को बीच में टोकना पड़ा। प्रधानमंत्री ने दो बार, अमित शाह और राजनाथ सिंह ने तीन-तीन बार और शिवराज चौहान, किरण रिजिजु और भूपेन्द्र यादव ने खड़े होकर दखल दी।
लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपने पहले भाषण में राहुल ने भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर जोरदार हमला बोला और उस पर सांप्रदायिक आधार पर लोगों को बाँटने का आरोप लगाया।
इसके साथ ही उन्होंने लोकसभा स्पीकर को भी ख़त लिखा है और कहा है कि एक्सपंज किए गए हिस्से को फिर से शामिल किया जाए। पत्र में कांग्रेस नेता ने कहा कि उनके भाषण के कुछ हिस्सों को कार्यवाही से एक्सपंज किए जाने की आड़ में हटाया जाना संसदीय लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है।